Gandheshwar Shivling Sirpur सिरपुर जहा शैव, एवं वैष्णव, धर्म के मिलन का प्रतीक प्राचीन नगरी सिरपुर जिसे शैव व बुद्ध की नगरी भी कहा जाता है | यहाँ पर साईड नंबर 15 में उत्खनन के उपरांत एक ऐसा शिवलिंग प्राप्त हुवा है | जिसमें तुलसी के पौधे के सराखे की खुशबु निकलती रहती है |
पुरातत्व विभाग के विशेषज्ञों के अनुसार यह अनुमान लगाया गया है |की यह शिवलिंग लगभग 2000 वर्ष पुराण है और यह छत्तीसगढ़ राज्य के सबसे प्राचीन शिवलिंग में इसकी गणना की जाती है | सिरपुर में बहुत अधिक मात्रा में शिवलिंग मिलता है मगर यह शिवलिंग सबसे अनोखा है |
इस शिवलिंग की लम्बाई 4 फिट और गोलाई 2 .5 फिट है | यह मंदिर पूरी तरह भग्न अवस्था में है | यहाँ पर प्रमुख शिव मंदिर गंधेश्वर महादेव मंदिर है | मगर इस प्राचीन शिवलिंग को उनके गुण के अनुसार इसे गंधेश्वर महादेव का नाम दिया गया है | स्थानीय निवासी इसे प्रेम से चिकना महादेव के नाम से पुकारते है | यह शिवलिंग जिस शिलाखंड से बना है वैसे शिला का प्रयोग वाराणसी के काशी विश्वनाथ तथा उज्जैन के महाकालेश्वर शिवलिंग के सामान है व चिकना है| व काफी बड़ी है | सिरपुर की और खुदाई में भव्य शिव मंदिर मिलने की बात विशेषज्ञों द्वारा कही गयी | किसी -किसी अंग्रेजी बुक में प्राचीन भव्य शिव मंदिर की बात सिरपुर में कही गयी है | 12 वी सदी में यह सिरपुर अपनी समृद्ध अवस्था में रहा होगा उस समय भीषण भूकंप व बाढ़ के प्रकोप ने पुरे नगर को तबाह कर दिया वर्ना आज हमारे पास एक भव्य व सुन्दर नगरी वर्तमान पीढ़ी के पास होती |
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