खल्लारी माता मंदिर भीमखोज,जिला - महासमुंद(छः ग )
इसका प्राचीन नाम खल्लवाटिका थी, रायपुर विजयानगरम लाइन पर रायपुर से ४६ मील दूर भीमखोज स्टेशन है |वहा से यह स्थान १ मील दूर है, यहाँ चैत्र -पूर्णिमा पर तीन दिन का मेला रहता है पहाड़ के ऊपर दुर्गा जी का मन्दिर है उन्हें खल्लारी माता कहते है पर्वत का घेरा आधा मील से कुछ अधिक है, यात्री पर्वत की परिक्रमा करते है| यहाँ चैत्र पक्ष और क्वार पक्ष में मनोकामना ज्योती भक्तो द्धारा जलाई जाती है पूरा वातावरण भक्ती मई हो जाता है यहाँ नव दिनो का विशाल भंडारा का आयोजन किया जाता है| पर्वत के नीचे जहाँ मेला लगता है वहा नीचे वाली खल्लारी माता ,शिव मन्दिर ,श्री राम जानकी ,जगन्नाथ मन्दिर, काली माता कि प्रतिमा है| और नये नए मन्दिर का निर्माण कार्य चल रहा है| पर्वत के आसपास लगभग १२० तालाब था उनमे से कुछ विलुप्त होते जा रहे है|
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माँ खल्लारी ऊपर वाली |
किवंदती-पुरानी मान्यताओ के अनुशार माँ खल्लारी का आगमन
महासमुन्द से निकट ग्राम -बेमचा से हुवा था इस सम्बन्ध में ऐसे किवंदती प्रचलित है कि ग्राम - बेमचा से माता सोडसी का रूप धारण कर बाज़ार आया करती थी उसके रूप लावण्य से वशीभूत होकर एक बंजारा खल्लारी माता के पीछे पड़ गया बंजारा माता खल्लारी का पिछा करते हुवे पहाड़ी मंदिर तक आ गया उसके बाद माता क्रोध वस् उस बंजारा को पाषाण का बना दिया देवी माता खल्लारी में विलोपित हो गई और उसी पहाड़ी में माता निवाष करने लगी तब से देवी माँ खल्लारी का अशोगान किया जाता है| एवँ चैत्र पूर्णिमा में भव्य मेला लगता है|
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माँ खल्लारी भीमखोज पर्वत वाली |
टिप:- माता जी का भोग लगने का समय सुबह ११ से १२ बजे तक मंदिर पट बंद रहता ह| ऊपर पहाड़ी में माता तक पहुंचने के लिए 844 सीढी चढ़ना पड़ता है|
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खल्लारी मन्दिर |
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मुख्य द्धार |
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गुफा वाली दंतेश्वरी माई |
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जवारा गुफा (शेर गुफा ) |
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भैरव बाबा |
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सिद्ध बाबा |
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शिव शंकर |
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केवट द्वारा भगवान राम जी को नदी पार कराने का आग्रह करते हुवे दृश्य |
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भागीरथी दर्शण |
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खल्लारी माता मंदिर भीमखोज |
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खल्लारी माता मंदिर नीचे वाली |
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महाकाली |
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भगवान जगन्नाथ |
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नारायण मंदिर |
नारायण मंदिर से जुडी इतिहास :-
(संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग छत्तीसगढ़) के लेख के अनुशार खल्लारी से पाप्त प्रसस्त अभीलेख से यह तथ्य ज्ञात होता है कि इस नारायण मंदिर को देवपाल नामक मोची ने १३ वी सती ईसवी में बनवाया था इसके इस स्थान का नाम्मोतुख(खल्लारिका) के रूप में हुवा है यह मंदिर पूर्वाभिमुख है एवं इसमें तीन अंग गर्भगृह अन्तराल खण्ड एवं मण्डप है मण्डप १६ स्तंभों पर आधारित पर है पंचरत भुविन्यास प्रकार यह स्मारक नागर शैली में निर्मित है |रायपुर कल्चुरी कालीन मंदिर वास्तु का यह प्रतिनिधित्व उदहारण है|
इन्हे भी जरूर देखे :-
क्या खल्लारी वही स्थान है जहा महाभारत कालीन पाण्डवो का लाक्षागृह मामा सकुनी ने पांडवो को मारने के लिए बनवाया था ( क्युकी लोग ऐशा कहते है और उसके अवसेश खल्लारी में अभी भी है यदि यह सत्य है तो उसके अवसेस कि तस्वीर डालने कि कृपा करे ) हमें तस्वीर का इंतीजार रहेगा
ReplyDelete“माँ खल्लारी सभी भक्तो कि मनोकामन पूरी करे “
हाँ सही बात है और अवशेष भी है आप स्वयं आ कर देख लेवे
Deleteयह जगह अतिक्रमण का शिकार होते नजर आ रही है।
Deleteमंदिर प्रशासन को कुछ करना चाहिए
सभी भक्तो को प्रयास करना पड़ेगा
जय मां खल्लारी
खल्लारी मंदिर से जुडी और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करे
DeleteKhallari Mandir official website
लाक्षागृह को लाखेशरी गुड़ी के नाम से जाना जाता है| जो की खल्लारी में कुम्हार ,मेहर पारा में स्थित है|
Deleteआप इस लिंक पर क्लिक करके उसके तश्वीर देख सकते है|
लाक्षागृह लाखेशरी गुड़ी खल्लारी
Nic info to cg
ReplyDeleteमाँ लक्ष्मी का हाथ हो,
ReplyDeleteसरस्वती का साथ हो,
गणेश का निवास हो,
और माँ दुर्गा के आशीर्वाद से,
आपके जीवन में प्रकाश ही प्रकाश हो
जय माता दी।
Nice information about khallari temple history. Thanks
ReplyDeleteबहुत ही सराहनीय कार्य
ReplyDeleteजय माँ खल्लारी भीमखोज की उची पहाड़ो वाली
Thaks sir aapne hume itni achi jaankari di bharat ki rochk jaankari jaruri 1 bharat hi 1 aisa desh hai janha anek 1 se 1 prachin chice dekhne ko milti hai
ReplyDeleteआज हम भी दर्शन किये जब हम भीड़ देखे तो मुझे यकीन ही नही हुआ की इतनी भीड़ की मैं क्या बताऊँ मैं सुबह 10 बजे पंहुचा तो एक घंटे बाद दर्शन हुआ वाकई बहुत ही अदभुत दृश्य है मेरी सब से विनम्र निवेदन है कि आप एक बार जरूर जाये मेरा मानना है कि एक बार दर्शन कर लेने से हम लोग का मनुष्य का जन्म लेना सुफल हो जायेगा
ReplyDeleteI have visited on 18/10/2018 , and dream of my live feel great , once must be come here
ReplyDeleteखल्लारी मंदिर से जुडी जानकारियों के लिए आपका धन्यवाद !!
ReplyDeleteThe managing facilities are good enough. After a long car drive or train journey when you reach here the environment of spirituality will ends your whole body pain which you have received during your journey .. i feel something like this
ReplyDeleteTemple of Khallari mata at hill top at Bhimkhoj, Chhattisgarh. Religious place. Everyone should come here and take the blessings of Khallari mata. Beautiful temple
ReplyDeleteKhte h.. jb tk mata na bulaye. Tb tk koi unke darshan nhi kar pata.. hmari bhi kuch Isi kismat thi.. mata k Darshan k liye Delhi (Badarpur) se nikle... Or mata k darwaje se khali bina darshan k lootne pda parking.. pe he phouchte the k hamare Relation pe kisi ki death ho gai thai ..bs ye janne he hme mata rani k Darshan na ho ske.. Ess baat ka dukh hh.. ab dekho kb mata k Darshan honge... Jai mata di....Kuleshwar
ReplyDeleteI do not think it is fair to say about this place in my own words. This place is one of the Shaktipeeth of history. You should worship here and worship, and you go to this place, and feel this place, and know about this place. This place is very old but this place is well cared for.
ReplyDeleteछत्तीसगढ़ में सबसे अधिक देखी जाने वाली, पहाड़ी के शीर्ष पर माता खल्लारी मंदिर, इसके पास छोटे तालाब, सीढ़ियों की बड़ी संख्या जो चढ़ाई पहाड़ियों पर अधिक रोमांच कर देती है|
ReplyDeleteप्रत्येक वर्ष दो मेला होता है व नवरात्रि उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है|
पूरे छत्तीसगढ़ के आसपास के लोग इस पहाड़ी से पैदल यात्रा करते हैं.जय माँ खल्लारी
Best अध्यात्मिक place near Mahasamund for family picnic and tour.
ReplyDeleteJai Maa Khallari Mujh Par Apni Kripa Banaye Rakhana.
जय हो पहाड़ा वाली माँ,जय खल्लारी माँ. आपको सत-सत नमन.
ReplyDeleteI do not think it is fair to say about this place in my own words. This place is one of the Shaktipeeth of history. You should worship here and worship, and you go to this place, and feel this place, and know about this place. This place is very old but this place is well cared for.
ReplyDeleteJay mata di
ReplyDeleteNice information
ReplyDeleteWww.hiteshkumarhk.in
माँ खल्लारी मंदिर में दान करने के लिए संपर्क सूत्र
ReplyDeleteछत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक
शाखा – बागबरहा
A/C No: 005201017363
IFS Code: SBIN0RRCHGB
A/C Name: खल्लारी मातेश्वरी जगन्नाथ स्वामी मंदिर ट्रस्ट खल्लारी
देना बैंक
शाखा – महासमुंद
A/C No: 110510001427
IFS Code: BK0N0821105
A/C Name: जगन्नाथ स्वामी खल्लारी मातेश्वरी मंदिर ट्रस्ट खल्लारी
प्रतिदिन मंदिर दर्शनप्रातः 5:30 से रात्रि: 12:00
ReplyDeleteमाता के पावन नवरात्री में
ReplyDeleteदानदाताओ द्वारा अखंड नौ दिवसीय निशुल्क भंडारा आयोजित पहाड़ी ऊपर माता सेवा प्रति दिवस आयोजित है
माँ खल्लारी मंदिर समिति की रूपरेखा
ReplyDeleteश्री डॉ ए. के. शुक्ला(संरक्षक)
श्री आर. के. शर्मा(संरक्षक)
श्री खोजेंद्र गिरी गोस्वामी(संरक्षक)
श्री थानसिंग चंद्राकर(आध्यक्ष)
श्री विनोद त्रिवेदी(उपाध्यक्ष)
श्री सुरेश चंद्राकर(कोशाध्यक्ष)
श्री तोषराम साहू(सचिव)
श्री हृदयनारायण शुक्ला(सहसचिव)
माँ खल्लारी मंदिर के समिति से संपर्क करे इन नम्बर पे
ReplyDelete+91-9111199762, 7987640254
sonuchandrakar091@gmail.com
खल्लारी मंदिर से जुडी और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करे
ReplyDeleteKhallari Mandir official website
जो जो इस ब्लॉग के माध्यम से माता के दर्शन कर रहा है /रही है
ReplyDeleteमाता उन सभी भक्तो की मनोकामन पूर्ण करे जय माँ खल्लारी
You posted very good information about khallari Mata bhimkhoj Mahasamund which is one of the popular temples in Raipur.
ReplyDeleteFor more Indian tourist places please visit my website TouristBug.in . Here you will find some good places for visiting in India.
Maa Sharda Devi Devotee's Temple - Alha Dev Mandir
Maa Sharda Temple - The Identity of Maihar
Jai MA khallari
ReplyDeleteJai mat di...........
ReplyDeleteIt was interesting to know details and importance of Khallari Mata Temples in Raipur, Chhattisgarh. Thanks for sharing this and offering information on important temples of Chhattisgarh.
ReplyDeleteI found another site providing information temples in India - https://www.astrolika.com/temples/. Hope you will like it.
Jai Mata Di.
99CarRentals
jai maa khallari
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