Thursday, March 2, 2017

Ganga Maiya Temple Jhalmala Balod गंगा मैया बालोद

छत्तीसगढ़ के बालोद, जिला मुख्यालय से महज ३ कि.मी कि दूरी पर ग्राम झलमला का गंगा मैया का मंदिर  स्थित है।

माता रानी का मंदिर पुरे देश विदेश भर में प्रसिद्ध है। माता के दरबार मे सच्ची मन से मागी गयी मुराद अवस्य पूरी होती है। माता कि प्रसिद्धी देखते हुवे यहाँ पर भक्तो का ताता लगा रहता है यहाँ पर माता के दरबार में चैत्र और क्वार पक्ष कि नवरात्रि में मनोकामना ज्योति

जलाई जाती है। पूरा नव दिन माता के भजन कीर्तन जस गीत से मंदिर परिसर गुज उठता है|

माता से जुडी किवदंती है कि....... 

सिवनी ग्राम का एक केवट सरोवर पर मछली पकडने  जाता था केवट को शिकार के दौरान  उसके जाल में माता कि मूर्ति फस कर आ जाती थी।  ये घटना बार -बार होता था।  केवट मूर्ति को अज्ञान वस फिर सरोवर में डाल देता था केवट खुद  समज नहीं पा रहा था कि ये क्या हो रहा है |तभी एक घटना घटी उसी ग्राम कि एक बैगा को माता  ने सपने में बोला कि केवट मेरी मूर्ति को उपेिक्षत  कर देता है मैं चाहती हु कि मेरी  मूर्ति को स्थापित कर वहा पर मंदिर का निर्माण कराया जाये माता के आदेश को सभी ग्रामवासी को बताया और केवट से पुछा गया कि तुम्हारे जाल में कोई पत्थर तो आता तो नही है तब केवट ने बताया कि आता है

Ganga Mata Temple Balod Jhalmala



मै उस पत्थर को पानी में फेक देता हु । इस सत्यता को जानकर सभी ने माता कि विधि वत पूरा अर्चना करने और मंदिर बनाने का निर्णय लिया और केवट को फिर जाल फेकने को कहा तो वह पत्थर निकला तो सभी ने उसकी पूजा अर्चना किया और एक मंदिर का निर्माण कराया गया उसी दिन से केवट माता का परम भक्त  बन गया और माता ग्राम कि आराद्य  देवी कि रूप में पूजा जाने लगा |

गंगा मैया मंदिर झलमला
ग्रामीणों के अनुसार १९८१ से यहाँ पर रामायण मेले कि सुरुवात किया गया था जो अभी भी चल रही है जिसमे दूर दराज के रामायण मण्डली के द्वारा रामायण का पाठ माता का गुणगान किया जाता है।  



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