Tuesday, January 8, 2019

Dholkal Ganesh Temple Dantewada ( ढोलकल गणेश मंदिर ,दंतेवाडा )

Ganesh-idol-Dholkal-Dantewad
The statue of Dholkal Ganesh is located on the mountain of Farspal, which is located in Dantewada district, about 350 km from Raipur.  
Dholkal Ganesh Mandir
Dholkal Ganesh Temple

Ganesh Temple Dholkal, Dantewada
Ganesh idol-Dholkal,Mountain-Dantewada

It is said that this idol of Ganesh ji installed at an altitude of 3000 feet is 9th century. This statue made of granite marble is 3 feet long and 3.5 feet wide. It is believed that the battle of Ganesh ji and Parasurama ji happened on the top of this hill. 5 kilometers to see the dholak Ganesha

Have to do During this climb you will find dense forests, waterfalls. 
ढोलकल गणेश

Dantewada Tourism Spot



This place was discovered by an English gaelist Krukshank in 1934. After that all forgot about this idol But in 2012, two journalists Bapi Rai and Hemant Kashyap discovered it during their trek. Dholak Ganesh Darshan Chhattisgarh's religious, cultural and tourism tours make the passengers enchanting.

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Monday, January 7, 2019

Tirathgarh waterfall ,Kanger Ghati in Bastar ( तीरथगढ़ जलप्रपात कांगेर घाटी - बस्तर छत्तीसगढ़ )

#Tirathgarh Jalprapat,Kanger Ghati in Bastar, तीरथगढ़ जलप्रपात बस्तर छत्तीसगढ़
तीरथगढ़ जलप्रपात
छत्तीसगढ़ कि सबसे उची झरनों कि बात किया जाये तो तीरथगढ़ जलप्रपात सबसे उचाई वाली झरनों में गिनती कि जाती है| 
Teerathgarh Falls
Teerathgarh Falls


Teerathgarh Falls
Teerathgarh Falls



Tirathgarh jalprapat
Tirathgarh waterfall

यह झरना 300 फुट ऊपर से पानी नीचे कि तरफ गिरता है | इसे कांकेर घटी के जादूगर के नाम से भी जाना जाता है| कांगेर और उसकी सहायक नदीया मनुगा और बहार मिलकर यह विशाल अधभूध जलप्रपात का निर्माण करती है| 

तीरथगढ वॉटरफॉल
तीरथगढ वॉटरफॉल

इस जलप्रपात से भारी गर्जना के सामान आवाज निकलती रहती है | जिसे सुनकर पर्यटकों का उत्साह और बड जाता है और बार बार इस स्थान पर आने का मन बनाते है|  

tirathgarh waterfall photo
तीरथगढ़ के झरना

प्राकृतिक प्रेमियों कि लिए यह किसी वरदान से कम नहीं है| प्राकृतिक हरियाली के साथ-साथ पिकनिक कि लिए यह स्थान उपयुक्त है|  
  
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Sunday, January 6, 2019

Battisa Temple Barsur ( बत्तीसा मंदिर बारसूर )

Barsur-Battisa Mandir,Tehsil-Dantewada ,District-Dantewada(Chhattisgarh)

Battisa Mandir Barsur
Battisa Mandir Barsur



छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थल
बत्तीसा मंदिर बारसूर - दन्तेवाड़ा 
यह प्राचीन स्मारक बारसूर नामक ऐतिहासिक स्थल में जो जगदलपुर से भोपालपटनम रोड पर स्थित गीदम से 18 कि.मी।.दूर एवं जगदलपुर से 100 की. मी. की दुरी पर स्थित है| यहाँ पर बत्तीसा मंदिर नामक महत्वपूर्ण मंदिर विद्यमान है। जिसमे बत्तीस स्तंभों पर आधारित बड़ा मण्डप है जो दो मंदिरो से सम्बन्ध है।

Battisa mandir
बत्तीसा मंदिर - बारसुर 
बारसूर बत्तीसा मंदिर

इसके गर्भगृह में द्वितल वाली वर्गाकार ऊँची काले पत्थर की बनी ओपयुक्त जलाधारी पर शिवलिंग प्रतिस्थापित है। मंडप में शिवलिंग की ओर मुख किये हुवे नंदी बैठा हुवा है।

Barsur Battisa Shiva Mandir.Dantewada

 
cg temple
जुड़वाँ मंदिर -बारसूर 

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नंदी की प्रतिमा बहुत सुन्दर एवं सजीव प्रतीत होती है। इस मंदिर का मुख पूर्व दिशा की ओर है। 

Shiv Temple Barsur in Chhattisgarh


बत्तीसा मंदिर का निर्माण काल 11 -12 वी शती ईस्वी में 'छिन्दक 'नागवंशी राजाओ के राजत्वकाल में हुवा है। इस मंदिर दो गर्भगृह वाले प्राचीन (जोड़ा मंदिरो ) का सुन्दर नमूना है। ऐसे मंदिर अधिकांशत :महाराष्ट्र एवं आंध्रप्रदेश में प्राप्त हुवे है। बारसूर स्थित मामा - भांजा मंदिर ,गणेश मंदिर एवं चन्द्रादित्य मंदिर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित दर्शनीय स्मारक है।

इस  मंदिर की सभी तस्वीर  गिरीश कुमार श्रीवास (gIrIsh kumAr shrIvAs)के द्वारा ली गयी  है | 

Dantewada tourism

टिप :-इस मंदिर की मान्यता है की नंदी के कानो में माँगी  गयी मुरादे स्वयं  भगवान शिव  भक्तो की इच्छा पूरी करती है|

Ganesh Temple Barsur (गणेश मंदिर बारसुर )

Barsur - Ganesh Temple In Chhattisgarh गणेश मंदिर - बारसुर 



chhattisgarh ke dharmik sthal
Ganesh Temple Barsur
बारसूर शब्द की उत्पत्ति बालसूरी शब्द से मानी जाती है, बालसूरी कालान्तर में बारसूरगढ़ के नाम से प्रसिद्ध हुआ। प्राचीन युग में यह नगरी बेहद समृध्द व वैभवशाली नगरी थी, बारसूर के चारों दिशाओं में यहाँ के शासकों के द्वारा 10-10मील दूर तक कई मंदिर और तालाब बनवाये जिस कारण ईसे मंदिरो और तालाबो कि नगरी भी कहा जाता था, जीसमेें से कुछ आज भी मौजूद हैं, 
छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थल
शिवलिंग -बारसुर 

Dantewada Tourism

Battisa Shiv Temple Barsur

पौराणिक कथा के अनुसार दैत्येन्द्र बालासूर की पुत्री उषा और उनके मंत्री कुमांद की पुत्री चित्रलेखा के बीच घनिष्ठ मित्रता थी, भगवान गणेश इन दोनों के ही आराध्य देव थे, इनकी भक्ति देख बानासुर ने एक भव्य मंदिर का निर्मान करवाया जिसमे भगवान गणेश की दो प्रतिमाएं यहाँ एक ही स्थान पर स्थापित करवाईं, दोनों ही सखियां नित्य इनकी पूजा-अर्चना किया करती थी, भगवान श्री गणेश की ये दोनों प्रतिमाएं एकदन्ती हैं, बड़ी प्रतिमा की ऊँचाई 7 फीट है, जबकि छोटी प्रतिमा साढ़े पाँच फीट की है। स्थापना के समय से ही इन प्रतिमाओं का संरक्षण शासक करते आ रहे। मंदिर परिसर में प्राचीन शिव मंदिर मामा भाॅजा मंदिर बत्तीसा मंदिर चॅन्द्रादित्य मंदिर के भग्नावशेष आज भी मौजूद हैं।