Wednesday, January 8, 2020

श्री ब्रम्ह्नेश्वरनाथ मन्दिर (बम्हनि महासमुन्द) ।(BRAMHANESHWARNATH TEMPLE MAHASAMUND)

कभी यह स्थान देवल ऋषि का बसेरा था..... 

ज़िला महासमुन्द से केवल 8 कि.मी. कि दुरी पर स्थित है ग्राम बम्हनि, ग्राम बम्हनि स्थानिय शिवभक्तो के लिये प्रमुख आकर्षण का केन्द्र है। इसकि खास वजह है यहा स्थित श्री ब्रम्ह्नेश्वरनाथ मन्दिर। यह मन्दिर कितना पुराना है इस कोई साफ अनुमान है। परंतु मन्दिर से मिले लेखो से इस बात का अन्दाजा लगाया जा सकता है की इस मन्दिर का निर्माण विक्रम संवत 1960 के आसपास पंचवटी परिवार के द्वारा बनवाया गया था ।
Shwet Ganga (Bamhni)
ब्रम्ह्नेश्वरनाथ 
उस समय यह क्षेत्र सघन वन था, तथा पंचवटी खन्दान के श्री अर्जुन प्रशाद जी इस वन क्षेत्र मे रोज सुबह विचरण के लिये आते थे । यहि उनकि मुलकात तपश्या मे लिन देवल ऋषि से हुई थी तथा उन्हि कि प्रेरणा से यहा श्वेतगंगा का आगमन व श्री ब्रम्ह्नेश्वरनाथ का प्राकट्य सम्भव हो पाया था ।
Swethganga Bamhini  Mahasamund


 मन्दिर का प्रमुख आकर्षण यहा का कुंड है इस कुण्ड से निरंतर गर्म जल कि धारा निकलति है । मन्दिर परिषर मे एक विशालकाय वट वृक्ष है कहते है ऋषि देवल इसी पेड के निचे तपश्या किये थे इस कारण यह वट वृक्ष और निचे बना आसन पुज्यनिय है। यहाँ एक छोटि नहर बहति है जिसे श्वेत्गंगा के नाम से पुकारा जाता है । श्री ब्रम्ह्नेश्वरनाथ मन्दिर वर्तमान मे निर्मानाधिन है साथ हि यहाँ केवट समाज का बनाया गया अन्य शिव मन्दिर भी है अध्यात्मिलक एव्ँ पौराणिक दृष्टि से इस मन्दिर कि कोई खास महत्वता नहि है परंतु मन्दिर कि साज-सज्जा एवं बनावट बहुत अच्छी है साथ हि इसी मन्दिर मे एक हनुमान मन्दिर भी है।

यह भी पढ़ें:-

  1. ग्राम हथखोज मेला महासमून्द
श्री ब्रम्ह्नेश्वरनाथ मन्दिर (बम्हनि महासमुन्द) 

श्रावण मास मे मन्दिर मे श्रद्धालु यहां भगवान शिव को जल अर्पण करने आते है तो वहिं स्थानिय ग्रामीण यहां से श्वेतगंगा का जल लेकर राजीम, चम्पारण, और सिरपुर तक भगवान शिव को अर्पण करने जाते है। साथ हि माघ मास कि पुर्णिमा को यहाँ प्रतिवर्ष मेला लगता है, और महाशिवरात्रि मे पंचकोशि साधुओं द्वारा विशाल यज्ञ का अयोजन होता है जिसमे बडी संख्या में ग्रामिण उपस्थित होते है ।

संकलन
मनीष भाई देवांगन
ग्राम- बरोण्डा बाजार जिलामहासमुंद   

0 Please Share a Your Opinion.: