ये स्थान है माँ खल्लारी का प्रथम निवास....
महासमुंद से मात्र 4 कि.मी. कि दूरी पर ग्राम बेमचा मे स्थित है बड़ी खल्लारी माता मंदिर इस मंदिर कि ग्रामीणो मे बहुत मान्यता है कहते है सबसे पहले खल्लारी माता का आगमन इसी गाँव मे हुआ था। इसके बाद माँ भीमखोज स्थित पहाड़ी पर जाकर निवास करने लगी।
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बड़ी खल्लारी माँ |
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बड़ी खल्लारी मंदिर बेमचा (महासमुंद )
चूंकि माँ का अवतरण यहा पहले हुआ इस कारण से इन्हे बड़ी खल्लारी के नाम से जाना जाता है। मंदिर छोटी सी बस्ती के बीच महासमुंद से सिरपुर कि ओर जाने वाले मार्ग पर स्थित है। खल्लारी माता मंदिर के साथ साथ यहा केवट समाज का सन 2016 मे निर्मित राम मंदिर व साहू समाज का माता कर्मा मंदिर भी है, प्रांगण मे श्री भैरवनाथ जी कि लगभग 10 फिट ऊंची प्रतिमा स्थापित है।
मंदिर मे विशेष आकर्षण तो कुछ नहीं है पर मान्यता है कि छोटी खल्लारी के दर्शन के साथ साथ इनका भी दर्शन करना चाहिए। मंदिर मे दोनों पक्ष कि नवरात्रियों मे श्रद्धालु मनोकामना पूर्ति हेतु ज्योत जलते है तो वही चैत्र पक्ष कि पुर्णिमा मे यहा स्थानीय लोगो द्वारा बकरे कि बली भी दी जाती है। रामनवमी और हनुमान जयंती पर यहा विशेष आयोजन होता है।
संकलन
नरेन्द्र देवांगन

Jai MAA khallari
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