Saturday, October 20, 2018

Khallari Mata Temple History in Hindi ( खल्लारी मंदिर का इतिहास )

खल्लवाटिका(खल्लारी)/राक्षसराज हिडिम्ब की वाटिका.?

माँ खल्लारी मंदिर
निचे वाली माँ (माता राउर)/ (खल्लारी माँ )

खल्लारी माता मंदिर का इतिहास History of Khallari Mata Temple

छत्तीसगढ़ में ऐसे बहुत से ऐतिहासिक व प्राचीन स्थल है। जिसका वर्णन रामायण व महाभारत ग्रन्थ में मिलता है, उन्हीं में से एक स्थल है, खल्लवाटिका जिसे अब खल्लारी के नाम से जाना जाता है।


Khallari Temple
खल्लारी माता 
वारानाव्रत की शिव-पूजा लाक्षागृह की घटना इन्ही स्थान पर घटी थी,यहीं वह स्थान है, जहाँ पर शकुनी के द्वारा पाण्डवों की हत्या करने के लिए एक सुन्दर लाख़ का महल बनाया गया था। जिसमें पाण्डवों के सोने के पश्चात् उसमें आग लगा दिया गया था, पर इस छल भरी योजना का पाण्डवों को पता चला और गुप्त सुरंग के माध्यम से यहाँ से निकल गये ?

Mahasamund Tourism Places
पहाड़ी पर चढ़ने का भव्य प्रवेश द्वार 
खल्लारी में एक किले का अवशेष आज भी दिखाई देता है। व अनेक नक्काशीदार पत्थर के स्तंभ भी देखे गये हैं। खल्लारी में लाक्षागृह से संबंधित एक प्राचीन मंडपनुमा खंडहर है, जिसे लखेसरी गुड़ी के नाम से जाना जाता है, वर्तमान में यह स्थान उपेक्षा के शिकार के चलते अपनी प्राचीनता खोती नजर आ रही है।

Khallari Temple Beautiful Photos
वनवास के समयान्तराल पांचों पाण्डवों व उनकी माता का इस स्थान पर आगमन हुआ, संध्या होने के उपरांत इस स्थान को विश्राम के लिए उचित समझकर विश्राम किया, तभी राक्षसराज हिडिम्ब को मनुष्य के आगमन का आभास हुआ और अपनी बहन हिडम्बनी को बुलाकर सभी को गुफा तक लाने को कहा, हिडम्बनी के मना करने पर भी वह नहीं माना और मजबूरवश वह उन सभी पाण्डवों का वध करने निकली चारों भाई व उनकी माता कुन्ती सोई हुई थी और भीमसेन उसकी पहरेदारी कर रहा था।

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भीम की सुन्दरता को देखकर हिडिम्बनी मंत्रमुग्ध हो गयी और मन ही मन उसे अपना वर चुन बैठी और एक सुन्दर कन्या का वेश धारण कर भीम के पास पहुँची और उससे आग्रह किया कि आप सभी इस स्थान से कही दूर निकल जाये अन्यथा मेरे भाई आप सभी का वध कर देगे ,का निवेदन करती है। उधर हिडम्ब भूख से व्याकुल होकर पाण्डवों के पास पहुँचा तब हिडिम्ब को पता चला कि उसकी बहन अपना दिल भीम को दे बैठी है
भीम व हिडिम्भ का युद्ध 
तो क्रोध वश आकर उसने भीम पर आक्रमण कर दिया और वहाँ पर भीषण युद्ध होने लगा, इस युद्ध में हिडिम्बनी ने कई बार भीम की रक्षा की, युद्ध में पूरा पर्वत हिलने लगा और कई चट्टाने अपने जगह सेखिसकने लगी इस युद्ध में भीम के पांव चट्टान पर धसने लगा, जिससे उसके पैर के निशान बन गये बहुत देर तक युद्ध होने के पश्चात् भीम के हाथों हिडिम्ब का वध हो गया, तब भीम की माता को लगा कि हिडिम्बा अब अकेली हो गयी है व भीम से अत्यधिक प्रेम करती है तो उसने अगले ही दिन उसका खल्लारी माता के समीप गंधर्व विवाह करवा दिया विवाह उपरान्त भीम और हिडम्बनी( हिरबीची कैना )ढेलवा डोगरी मे निवास करने

खल्लारी मंदिर
खल्लारी मंदिर का प्रवेश द्वार 
लगी व अन्य भाई माता समेत खल्लारी आ गये ढेलवा डोंगरी पर भीम व हिरबिची का प्रणय लीला आरंभ हुई, भीम के द्वारा दो बड़े-बड़े चट्टानों से निर्मित ढेवला ( झुला का बाँधने का स्तमभ) का निर्माण किया गया जिसमें हिरबीची कैना को झुला-झुलाया करता था, उसकी झुला महानदी के तट तक जाती थी व पैरों से नदी की रेतिली मिट्टी पर्वत तक आती थी। आज भी इस डोंगरी का अपना की एक प्राचीन महत्व है, उस ढेलवा के अवशेष आज भी विध्यमान हैं। यहाँ पर भीम का गांजा पिने का यंत्र चिलम मौजुद है, एक वर्ष के उपरांत हिडिम्बनी और भीम का एक पुत्र का जन्म हुआ जन्म के उपरांत उसके सिर पर तनिक मात्र केश न होने के कारण उसका नाम
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घटोत्कच 
                                         
घटोत्कच रखा गया, घटोत्कच को भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म से पहले इन्द्रजाल ( कालाजादु ) का वरदान दिया था। जिस कारण वह पैदा होते ही विशालकाय रूप धारण कर लिया, वह महाभारत के युद्ध में अत्यंत वीरता से वीरगति को प्राप्त किया।
पाण्डुपुत्र के साथ विवाह पश्चात् हिडम्बीनी राक्षसी नहीं रही वह मानवीय बन गई व कालान्तर में मानवी देवी बन गई और उसका दैवी करण के पश्चात् मनाली चली गई. वहा आज भी मनाली की प्रमुख आराध्या देवी के रूप में पुजा जाता है

माँ दंतेश्वरी गुफा Ma Danteshwari Gufa Khallari


Ma Danteshwari Gufa Khallari



गंगा भागीरथी दर्शन Ganga Bhagirathi Darshan Khallari


Bhagirathi Darshan Khallari


शेर गुफा Sher Gufa Khallari


sher gufa khallari


भगवान शंकर दर्शन Bhagwan Shankar Darshan


Shiva Darshan Khallari


शीत बाबा दर्शन Shit Baba Darshan Khallari


shit Baba darshan khallari


नारायण मंदिर(जगन्नाथ मंदिर) Narayan Temple Khallari


Khallari Narayan Temple
13 सदी का नारायण मंदिर 

भीम पॉंव, खल्लारी डोंगरी Bhim Pow, Khallari Dongri


Khallari Mountains
पहाड़ी पर भीम के पद चिन्ह 

Panoramic view of the Khallari temple
खल्लारी मंदिर का विहंगम दृश्य 

आज भी इस खल्लारी व आस-पास के क्षेत्रो मे भीम से संबंधित अनेक चीजें देखने मिलती है, जिसमें ढेलवा डोंगरी में भीम का चिलम, भीमखोज की पहाड़ी में भीम के पद-चिन्ह व खल्लारी की डोंगरी में भीम चुल्हा, भीम खोल, डोंगा पत्थर, भीम का हंडा जो आज में भीम का वनवास काल में आगमन की सत्यता को बंया करती हैं। 

खल्लारी माता का पर्वत पर आगमन की कथा ?Story of Kallari Mata's arrival on the mountain?

माता का खल्लारी में आगमन से संबंधित अनेक कथायें प्रचलित हैं, जिससे माँ खल्लारी सोडसी का रूप धारण कर बाजार भ्रमण करने जाया करती थी, माता के रूप लावन्य पर एक बंजारा मोहित होकर माता का पीछा करने लगा माता के मना करने के उपरान्त वह बंजारा नहीं माना, तब माता ने क्रोध वस उसे पत्थर का बना दिया और माता उसी खल्लारी डोगरी की गुफा मे निवास स्थान बना लिया वैसे तो माता का मूल निवास बेमचा ग्राम में बताया जाता है। माता के द्वारा खल्लारी के जमींदार को स्वप्न दिया कि मैं पहाड़ी के ऊपर जन-कल्याण के लिए आयी हूँ इसलिए वहीं पर मेरा मंदिर बनवा दिया जाय, तब माता के आदेश पर एक मंदिर का

महाकाली दर्शन खल्लारी Mahakali Darshan Khallari


Khallari ka manoram drshy
काली माता 
निर्माण किया गया, माता का निवास स्थान अत्यन्त ऊँचाई व सघन वन होने के कारण असहाय लोग माता के दरबार तक नही पहुँच पा रहे थे, तब माता ने फिर स्वप्न दिया और बोली मैं अपनी कटार नीचे फेंक रही हूँ, वह जिस स्थान पर गिरेगी वहाँ पर मेरी शक्ति पीठ बनेगा और वहाँ पर मैं निवास कर भक्तों का कल्याण करूँगी, तब से नीचे वाली व ऊपर वाली दोनों माताओं की पूजा-अर्चना प्रारम्भ हुआ, खल्लारी माता को लोग समृद्धि का प्रतीक मानते हैं और माता के दरबार में मनोकामना ज्योति जलाते हैं, वर्तमान मे मंदिर काफी भव्य को चुका है। जिसकी सुन्दरता पर्यटको को मंत्रमुग्ध कर देती है।

महाबली भीम का डोंगा ?पत्थर की नाव Mahabali Bhima's canoe? Stone boat

यहाँ पर सबसे आकर्षण का केन्द्र पहाड़ी की चोटी पर स्थित पत्थर का नाव जिसे डोंगा पत्थर कहा जाता है। पास जाने पर ऐसा लगता है कि धक्का देने के उपरान्त वह गिर जायेगा, मगर उस पत्थर की संतुलन बड़ी ही आश्चर्यचकित कर देने वाली है। पर्यटकों को आकर्षण करने के लिए नाना-प्रकार की निर्माणाधीन प्रतिमा का निर्माण किया गया है। यह एक उत्तम पर्यटन स्थल है प्रकृति-प्रेमियों के लिए मनोरम स्थल है।
Khallari_Mata_Mandir_Bhimkhoj_Mahasamund
डोंगा पत्थर 

खल्लारी में अद्वितीय डोंगा पत्थर
भीम का डोंगा पत्थर 
    

खल्लारी मेला Khallari Fair

 प्रत्येक वर्ष चैत्र मास में पूर्णिमा के अवसर पर माँ खल्लारी के सम्मान में यहाँ 7 दिनों का मेला लगता है।

खल्लारी माता मंदिर तक कैसे पहुंचे How to reach Khallari Mata Temple

महासमुंद जिला मुख्यालय से 24 किलोमीटर व बागबाहरा से 12किलोमीटर व रायपुर से 79 किलोमीटर की दूरी पर भीमखोज खल्लारी स्थित है।नियमित रूप से ऑटो ,बस की सुविधा है व नजदीक ही भीमखोज रेलवे स्टेसन है ।

34 comments:

  1. Thaks sir aapne hume itni achi jaankari di bharat ki rochk jaankari jaruri 1 bharat hi 1 aisa desh hai janha anek 1 se 1 prachin chice dekhne ko milti hai

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    1. खल्लारी मंदिर से जुडी और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करे
      Khallari Mandir official website

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  2. लगता है खल्लारी जाने की योजना बनानी ही पड़ेगी?

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    1. Jaynge yaar mata rani ki darsan karne
      Jai maa khallari mata

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  3. Mujhe bahut acha lga yha ke bare me jan kar our mai bhi khallari mata ke darsan karna chata hu ummid h aaisa hoga agr khallari mata ki krapa hogi to jay khallari mata ki

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  4. mujhe history bhut pasand hai
    kash us time pe mai bhi hote aur ye sab dekhte
    i wish

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  5. Anonymous23 October


    मैने आज आपकी पोस्ट पढ़ी,पढ़ने के बाद अतिशीघ्र दर्शन करने की तमन्ना बनी हुई हे माँ खल्लारी
    मुझे अपने दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त करने का प्रदान करे

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  6. Amazing,Thank you for providing history of khallari it's interesting

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  7. temles hisrory my lifes importents
    and my subject

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  8. Nice and beautiful information

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  9. Very good place for climbing and everyone could come neture

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  10. Awesome place must visit one time ! Natural place ! Temple make it awesome for family and religious factors. This mountain view provide me to climbing the mountain with the help of life . Life is open every day. U can come here with the help of train and bus also

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  11. Amazing place to spend some quality time with family and friends. Awesome place and scenic beauty with hill and beauty of the temple

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  12. The best place for mandir darshan... Chhattisgarh tourism must develop this place and Khallari Mata bhakta's should come here
    Jai Maa Khallari.

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  13. माता रानी वरदान ना देना हमें,
    बस थोडा सा प्यार देना हमें,
    तेरे चरणों में बीते ये जीवन सारा,
    एक बस यही आशीर्वाद देना हमें।
    💐💐जय माँ खल्लारी.💐💐

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  14. Mai Yaha jaa chuka hu , nice place

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  15. Bahut hi sundar jagah mai an bar vahan par ja chuka hu or mujhe vahan par bar bar jaane ka man karta hai

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  16. खल्लारी मंदिर से जुडी और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करे
    Khallari Mandir official website

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  17. प्रतिदिन मंदिर दर्शनप्रातः 5:30 से रात्रि: 12:00

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  18. माँ खल्लारी मंदिर में दान करने के लिए संपर्क सूत्र +91-9111199762, 7987640254
    sonuchandrakar091@gmail.com

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  19. शुभ नवरात्री में
    दानदाताओ द्वारा अखंड नौ दिवसीय निशुल्क भंडारा आयोजित पहाड़ी ऊपर माता सेवा प्रति दिवस आयोजित है

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  20. माँ खल्लारी मंदिर में दान करने के लिए संपर्क सूत्र, खाता संख्या
    छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक
    शाखा – बागबरहा
    A/C No: 005201017363
    IFS Code: SBIN0RRCHGB
    A/C Name: खल्लारी मातेश्वरी जगन्नाथ स्वामी मंदिर ट्रस्ट खल्लारी
    देना बैंक
    शाखा – महासमुंद
    A/C No: 110510001427
    IFS Code: BK0N0821105
    A/C Name: जगन्नाथ स्वामी खल्लारी मातेश्वरी मंदिर ट्रस्ट खल्लारी

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  21. जो जो इस ब्लॉग के माध्यम से माता के दर्शन कर रहा है /रही है
    माता उन सभी भक्तो की मनोकामन पूर्ण करे जय माँ खल्लारी

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  22. Jai Maa Khallari Vindhyvasini
    behad hi aanandmay dharmik darshaniya sthal hai logo ko is darshaniya sthal ki jaankari honi chahie jisse logo ko gyan ke ans hamesha milta rhen dhanyavad jai Hind jai Bharat jai Chhattisgarh

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  23. Jai Maa Khallari Vindhyvasini
    behad hi aanandmay dharmik darshaniya sthal hai logo ko is darshaniya sthal ki jaankari honi chahie jisse logo ko gyan ke ans hamesha milta rhen dhanyavad jai Hind jai Bharat jai Chhattisgarh

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  24. लाक्षागृह लाखेशरी गुड़ी कुम्हार ,मेहर पारा खल्लारी
    इस लिंक पर क्लिक करके तश्वीर देख सकते है| जय माँ खल्लारी
    लाक्षागृह लाखेशरी गुड़ी खल्लारी

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  25. Nice and beautiful information on khallari temple

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  26. Why you are uploasing wrong stories Lakshagriha was in meerut uttar pradesh.

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    1. Anonymous16 August

      yes bro, this is a wrong story, it's manipulating

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    2. जी आप बिलकुल सही बोल रहे है।मगर छत्तीसगढ़ के लोग खल्लारी को ही महाभारत कालीन लाक्षागृह मानते है

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    3. उसी तरह तुरतुरिया को भगवान लव कुश की जन्म स्थली मानते है। आस्था का मामला है।

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  27. Jai maa khallari

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  28. Anonymous19 October

    जय माता रानी खल्लारी

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