खल्लवाटिका(खल्लारी)/राक्षसराज हिडिम्ब की वाटिका.?
निचे वाली माँ (माता राउर)/ (खल्लारी माँ ) |
खल्लारी माता मंदिर का इतिहास History of Khallari Mata Temple
छत्तीसगढ़ में ऐसे बहुत से ऐतिहासिक व प्राचीन स्थल है। जिसका वर्णन रामायण व महाभारत ग्रन्थ में मिलता है, उन्हीं में से एक स्थल है, खल्लवाटिका जिसे अब खल्लारी के नाम से जाना जाता है।
वारानाव्रत की शिव-पूजा लाक्षागृह की घटना इन्ही स्थान पर घटी थी,यहीं वह स्थान है, जहाँ पर शकुनी के द्वारा पाण्डवों की हत्या करने के लिए एक सुन्दर लाख़ का महल बनाया गया था। जिसमें पाण्डवों के सोने के पश्चात् उसमें आग लगा दिया गया था, पर इस छल भरी योजना का पाण्डवों को पता चला और गुप्त सुरंग के माध्यम से यहाँ से निकल गये ?
खल्लारी माता |
पहाड़ी पर चढ़ने का भव्य प्रवेश द्वार |
वनवास के समयान्तराल पांचों पाण्डवों व उनकी माता का इस स्थान पर आगमन हुआ, संध्या होने के उपरांत इस स्थान को विश्राम के लिए उचित समझकर विश्राम किया, तभी राक्षसराज हिडिम्ब को मनुष्य के आगमन का आभास हुआ और अपनी बहन हिडम्बनी को बुलाकर सभी को गुफा तक लाने को कहा, हिडम्बनी के मना करने पर भी वह नहीं माना और मजबूरवश वह उन सभी पाण्डवों का वध करने निकली चारों भाई व उनकी माता कुन्ती सोई हुई थी और भीमसेन उसकी पहरेदारी कर रहा था।
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भीम की सुन्दरता को देखकर हिडिम्बनी मंत्रमुग्ध हो गयी और मन ही मन उसे अपना वर चुन बैठी और एक सुन्दर कन्या का वेश धारण कर भीम के पास पहुँची और उससे आग्रह किया कि आप सभी इस स्थान से कही दूर निकल जाये अन्यथा मेरे भाई आप सभी का वध कर देगे ,का निवेदन करती है। उधर हिडम्ब भूख से व्याकुल होकर पाण्डवों के पास पहुँचा तब हिडिम्ब को पता चला कि उसकी बहन अपना दिल भीम को दे बैठी है
भीम व हिडिम्भ का युद्ध |
तो क्रोध वश आकर उसने भीम पर आक्रमण कर दिया और वहाँ पर भीषण युद्ध होने लगा, इस युद्ध में हिडिम्बनी ने कई बार भीम की रक्षा की, युद्ध में पूरा पर्वत हिलने लगा और कई चट्टाने अपने जगह सेखिसकने लगी इस युद्ध में भीम के पांव चट्टान पर धसने लगा, जिससे उसके पैर के निशान बन गये बहुत देर तक युद्ध होने के पश्चात् भीम के हाथों हिडिम्ब का वध हो गया, तब भीम की माता को लगा कि हिडिम्बा अब अकेली हो गयी है व भीम से अत्यधिक प्रेम करती है तो उसने अगले ही दिन उसका खल्लारी माता के समीप गंधर्व विवाह करवा दिया विवाह उपरान्त भीम और हिडम्बनी( हिरबीची कैना )ढेलवा डोगरी मे निवास करने
खल्लारी मंदिर का प्रवेश द्वार |
घटोत्कच |
घटोत्कच रखा गया, घटोत्कच को भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म से पहले इन्द्रजाल ( कालाजादु ) का वरदान दिया था। जिस कारण वह पैदा होते ही विशालकाय रूप धारण कर लिया, वह महाभारत के युद्ध में अत्यंत वीरता से वीरगति को प्राप्त किया।
पाण्डुपुत्र के साथ विवाह पश्चात् हिडम्बीनी राक्षसी नहीं रही वह मानवीय बन गई व कालान्तर में मानवी देवी बन गई और उसका दैवी करण के पश्चात् मनाली चली गई. वहा आज भी मनाली की प्रमुख आराध्या देवी के रूप में पुजा जाता है
माँ दंतेश्वरी गुफा Ma Danteshwari Gufa Khallari
गंगा भागीरथी दर्शन Ganga Bhagirathi Darshan Khallari
शेर गुफा Sher Gufa Khallari
भगवान शंकर दर्शन Bhagwan Shankar Darshan
शीत बाबा दर्शन Shit Baba Darshan Khallari
नारायण मंदिर(जगन्नाथ मंदिर) Narayan Temple Khallari
भीम पॉंव, खल्लारी डोंगरी Bhim Pow, Khallari Dongri
पहाड़ी पर भीम के पद चिन्ह |
खल्लारी मंदिर का विहंगम दृश्य |
आज भी इस खल्लारी व आस-पास के क्षेत्रो मे भीम से संबंधित अनेक चीजें देखने मिलती है, जिसमें ढेलवा डोंगरी में भीम का चिलम, भीमखोज की पहाड़ी में भीम के पद-चिन्ह व खल्लारी की डोंगरी में भीम चुल्हा, भीम खोल, डोंगा पत्थर, भीम का हंडा जो आज में भीम का वनवास काल में आगमन की सत्यता को बंया करती हैं।
खल्लारी माता का पर्वत पर आगमन की कथा ?Story of Kallari Mata's arrival on the mountain?
माता का खल्लारी में आगमन से संबंधित अनेक कथायें प्रचलित हैं, जिससे माँ खल्लारी सोडसी का रूप धारण कर बाजार भ्रमण करने जाया करती थी, माता के रूप लावन्य पर एक बंजारा मोहित होकर माता का पीछा करने लगा माता के मना करने के उपरान्त वह बंजारा नहीं माना, तब माता ने क्रोध वस उसे पत्थर का बना दिया और माता उसी खल्लारी डोगरी की गुफा मे निवास स्थान बना लिया वैसे तो माता का मूल निवास बेमचा ग्राम में बताया जाता है। माता के द्वारा खल्लारी के जमींदार को स्वप्न दिया कि मैं पहाड़ी के ऊपर जन-कल्याण के लिए आयी हूँ इसलिए वहीं पर मेरा मंदिर बनवा दिया जाय, तब माता के आदेश पर एक मंदिर का
महाकाली दर्शन खल्लारी Mahakali Darshan Khallari
काली माता |
निर्माण किया गया, माता का निवास स्थान अत्यन्त ऊँचाई व सघन वन होने के कारण असहाय लोग माता के दरबार तक नही पहुँच पा रहे थे, तब माता ने फिर स्वप्न दिया और बोली मैं अपनी कटार नीचे फेंक रही हूँ, वह जिस स्थान पर गिरेगी वहाँ पर मेरी शक्ति पीठ बनेगा और वहाँ पर मैं निवास कर भक्तों का कल्याण करूँगी, तब से नीचे वाली व ऊपर वाली दोनों माताओं की पूजा-अर्चना प्रारम्भ हुआ, खल्लारी माता को लोग समृद्धि का प्रतीक मानते हैं और माता के दरबार में मनोकामना ज्योति जलाते हैं, वर्तमान मे मंदिर काफी भव्य को चुका है। जिसकी सुन्दरता पर्यटको को मंत्रमुग्ध कर देती है।
महाबली भीम का डोंगा ?पत्थर की नाव Mahabali Bhima's canoe? Stone boat
यहाँ पर सबसे आकर्षण का केन्द्र पहाड़ी की चोटी पर स्थित पत्थर का नाव जिसे डोंगा पत्थर कहा जाता है। पास जाने पर ऐसा लगता है कि धक्का देने के उपरान्त वह गिर जायेगा, मगर उस पत्थर की संतुलन बड़ी ही आश्चर्यचकित कर देने वाली है। पर्यटकों को आकर्षण करने के लिए नाना-प्रकार की निर्माणाधीन प्रतिमा का निर्माण किया गया है। यह एक उत्तम पर्यटन स्थल है प्रकृति-प्रेमियों के लिए मनोरम स्थल है।
डोंगा पत्थर |
भीम का डोंगा पत्थर |
खल्लारी मेला Khallari Fair
प्रत्येक वर्ष चैत्र मास में पूर्णिमा के अवसर पर माँ खल्लारी के सम्मान में यहाँ 7 दिनों का मेला लगता है।
खल्लारी माता मंदिर तक कैसे पहुंचे How to reach Khallari Mata Temple
महासमुंद जिला मुख्यालय से 24 किलोमीटर व बागबाहरा से 12किलोमीटर व रायपुर से 79 किलोमीटर की दूरी पर भीमखोज खल्लारी स्थित है।नियमित रूप से ऑटो ,बस की सुविधा है व नजदीक ही भीमखोज रेलवे स्टेसन है ।
Thaks sir aapne hume itni achi jaankari di bharat ki rochk jaankari jaruri 1 bharat hi 1 aisa desh hai janha anek 1 se 1 prachin chice dekhne ko milti hai
ReplyDeleteखल्लारी मंदिर से जुडी और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करे
DeleteKhallari Mandir official website
लगता है खल्लारी जाने की योजना बनानी ही पड़ेगी?
ReplyDeleteJaynge yaar mata rani ki darsan karne
DeleteJai maa khallari mata
Mujhe bahut acha lga yha ke bare me jan kar our mai bhi khallari mata ke darsan karna chata hu ummid h aaisa hoga agr khallari mata ki krapa hogi to jay khallari mata ki
ReplyDeletemujhe history bhut pasand hai
ReplyDeletekash us time pe mai bhi hote aur ye sab dekhte
i wish
ReplyDeleteमैने आज आपकी पोस्ट पढ़ी,पढ़ने के बाद अतिशीघ्र दर्शन करने की तमन्ना बनी हुई हे माँ खल्लारी
मुझे अपने दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त करने का प्रदान करे
Amazing,Thank you for providing history of khallari it's interesting
ReplyDeletetemles hisrory my lifes importents
ReplyDeleteand my subject
Nice and beautiful information
ReplyDeleteVery good place for climbing and everyone could come neture
ReplyDeleteAwesome place must visit one time ! Natural place ! Temple make it awesome for family and religious factors. This mountain view provide me to climbing the mountain with the help of life . Life is open every day. U can come here with the help of train and bus also
ReplyDeleteAmazing place to spend some quality time with family and friends. Awesome place and scenic beauty with hill and beauty of the temple
ReplyDeleteThe best place for mandir darshan... Chhattisgarh tourism must develop this place and Khallari Mata bhakta's should come here
ReplyDeleteJai Maa Khallari.
माता रानी वरदान ना देना हमें,
ReplyDeleteबस थोडा सा प्यार देना हमें,
तेरे चरणों में बीते ये जीवन सारा,
एक बस यही आशीर्वाद देना हमें।
💐💐जय माँ खल्लारी.💐💐
Mai Yaha jaa chuka hu , nice place
ReplyDeleteBahut hi sundar jagah mai an bar vahan par ja chuka hu or mujhe vahan par bar bar jaane ka man karta hai
ReplyDeleteखल्लारी मंदिर से जुडी और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करे
ReplyDeleteKhallari Mandir official website
प्रतिदिन मंदिर दर्शनप्रातः 5:30 से रात्रि: 12:00
ReplyDeleteमाँ खल्लारी मंदिर में दान करने के लिए संपर्क सूत्र +91-9111199762, 7987640254
ReplyDeletesonuchandrakar091@gmail.com
शुभ नवरात्री में
ReplyDeleteदानदाताओ द्वारा अखंड नौ दिवसीय निशुल्क भंडारा आयोजित पहाड़ी ऊपर माता सेवा प्रति दिवस आयोजित है
माँ खल्लारी मंदिर में दान करने के लिए संपर्क सूत्र, खाता संख्या
ReplyDeleteछत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक
शाखा – बागबरहा
A/C No: 005201017363
IFS Code: SBIN0RRCHGB
A/C Name: खल्लारी मातेश्वरी जगन्नाथ स्वामी मंदिर ट्रस्ट खल्लारी
देना बैंक
शाखा – महासमुंद
A/C No: 110510001427
IFS Code: BK0N0821105
A/C Name: जगन्नाथ स्वामी खल्लारी मातेश्वरी मंदिर ट्रस्ट खल्लारी
जो जो इस ब्लॉग के माध्यम से माता के दर्शन कर रहा है /रही है
ReplyDeleteमाता उन सभी भक्तो की मनोकामन पूर्ण करे जय माँ खल्लारी
#जय मां दुर्गे #जय खल्लारी
DeleteJai Maa Khallari Vindhyvasini
ReplyDeletebehad hi aanandmay dharmik darshaniya sthal hai logo ko is darshaniya sthal ki jaankari honi chahie jisse logo ko gyan ke ans hamesha milta rhen dhanyavad jai Hind jai Bharat jai Chhattisgarh
Jai Maa Khallari Vindhyvasini
ReplyDeletebehad hi aanandmay dharmik darshaniya sthal hai logo ko is darshaniya sthal ki jaankari honi chahie jisse logo ko gyan ke ans hamesha milta rhen dhanyavad jai Hind jai Bharat jai Chhattisgarh
लाक्षागृह लाखेशरी गुड़ी कुम्हार ,मेहर पारा खल्लारी
ReplyDeleteइस लिंक पर क्लिक करके तश्वीर देख सकते है| जय माँ खल्लारी
लाक्षागृह लाखेशरी गुड़ी खल्लारी
Nice and beautiful information on khallari temple
ReplyDeleteWhy you are uploasing wrong stories Lakshagriha was in meerut uttar pradesh.
ReplyDeleteyes bro, this is a wrong story, it's manipulating
Deleteजी आप बिलकुल सही बोल रहे है।मगर छत्तीसगढ़ के लोग खल्लारी को ही महाभारत कालीन लाक्षागृह मानते है
Deleteउसी तरह तुरतुरिया को भगवान लव कुश की जन्म स्थली मानते है। आस्था का मामला है।
DeleteJai maa khallari
ReplyDeleteजय माता रानी खल्लारी
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