नागिन डोंगरी की दुर्दशा - ग्राम जुनवानी कला, तहसील - बागबाहरा- जिला - महासमुंद (छः ग़)
जुनवानी कला ,बागबाहरा से 08 कि.मी की दुरी पर स्थित है व चंडी मंदिर घुंचापाली से 03 किलोमीटर पर यह ग्राम विद्यमान है इन्ही ग्राम में अति प्राचनी नागिन डोंगरी है| यहा लगभग 50 फिट लम्बा एक ऐसा स्थान है मानो वहा कोई सर्प पड़ा हो और जिसे किसी ने धारदार हथियार से टुकड़े - टुकड़े कर दिया हो | जुनवानी के ग्रामीण श्रावण के महीने में इसकी (ग्राम - रसिका )के रूप में पूजा करते है|
नागिन पत्थर |
यहाँ पड़े अनेक निशान ऐसा आभास देता है की कोई सर्प अभी - अभी ही वहा से गुजरा है| यहाँ कुछ ऐसे बिंदु है| जहा पत्थरो के टुकड़े मारने से वहा मधुर ध्वनि निकलती है | ऐसा प्रतीत होता है ,मानो इस डोंगरी के गर्भ में कुछ छिपा है|यह स्थल प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण है|
यहाँ पर प्राचीन सील लोढहा भी देखने को मिलता था मगर आसमाजीक तत्व के द्वारा इसे चुरा लिया गया है|
नागिन डोंगरी की वर्तमान स्थिति :- आज नागिन डोंगरी समाप्त होने के कागार पर आ चुकी है| पूरा परिसर अतिक्रमण का शिकार हो गया है | ऐसा लगता है मानो कुछ वर्ष उपरांत यह स्थान खेत में तब्दील हो जायेगा यहाँ पर मंदिर बनाने के लिए लोहे के बीम दिए गए है, मगर लगता है| की कई वर्ष के पश्चात भी यहाँ मंदिर निर्माण नहीं किया गया जिसके चलते लोहे के राड चोरी होती जा रहे है| और जो बचे है वह जंख खाते नजर आ रहा है| ग्राम वालो की लापरवाही के चलते यह स्थान कुछ वर्ष उपरांत विलुप्त हो जाएगा |
मेरा सभी से निवेदन है की ऐसी प्राचीन स्थली को बड़े ही प्रेम भाव से संजो के रखना चाहिए जिससे आने वाली पीढ़ी अपनी वैभव शाली इतिहास को जान सके | इस नागिन डोंगरी की संरक्षण की तरफ ग्रामवासी एवं प्रशासन को ध्यान देना चाहिए तथा पुरे परिसर को अतिक्रम मुक्त कर पर्यटन स्थल घोसित करना चाइये |
आपका एक सहयोग इस प्राचीन स्थल को तबाह होने के कागार से बचा सकता है | बाकि माँ चंडी की ईच्छा
संकलन
देवेन्द्र कुमार चन्द्राकर
ग्राम - बोरियाझर ,महासमुंद (छः ग:)
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