श्री शिव जी मंदिर महासमुंद जिला अंतर्गत ग्राम कनेकेरा में स्थित है, महादेवघाट ।महादेवघाट की दुरी महासमुंद जिला से 10 km की है। महासमुंद से फिंगेश्वर मार्ग में स्थित इस मंदिर के नाम से ही स्पष्ट है की यहाँ भगवान शिव जी का मंदिर है।
Swayambhu Mahadev -Kanekera |
महानदी की सहायक नदी के तट पर विराजमान भगवान शिव के इस मंदिर का इतिहास सदियो पुराना है।यह मंदिर यहाँ कब से है इसका कोई स्पष्ट उल्लेख कहि भी नहीं है।इतिहास के धुंधले पन्नों को खुरेदने से पता चलता है, की पूर्व में इस स्थान पर कोरिया नामक दो वृक्ष थे इन दोनो वृक्ष की जड़े एक ही स्थान पर थी। इन दोनों वृक्ष के बिच से शिवलिंग का उदभव हुआ।तब शिवलिंग का आकर बहुत छोटा था और यह छेत्र मैदान था जहाँ घास फुस और ऊची झाड़िया थी लोगो का यहाँ आना जाना बहुत कम था पतली पगडण्डी के किनारे भगवान शिव विराजमान थे ।
शिव मंदिर महादेवघाट |
शिवलिंग समय बदलता गया और अपने साथ बहुत कुछ बदलता चला गया, आज इस मंदिर की शोभा देखते ही बनती है।शिव जी के मंदिर के साथ साथ यहाँ केवट समाज का राम मंदिर, दुर्गा मंदिर, व् शनिदेव मंदिर भी है। वही नाग देवता की बड़ी बाम्बी है जहाँ बनी नागदेवता की आकृति सहज ही सजीव प्रतीत होती है।
महादेव घाट कनेकेरा महासमुंद |
कहते है शिवलिंग की आकृति पहले बहुत छोटी थी अब ये काफी बड़ी हो चुकी है। मंदिर की बनावट साज-सज्जा बहुत ही अच्छी है शिव जी के मंदिर के सामने नंदी की विशाल प्रतिमा विराजमान है।
राम जानकी मंदिर - निषाद समाज द्वारा निर्मित |
भगवान राम की प्रतिमा |
बाहर प्रांगण में केवट समाज का राम मंदिर है जहाँ भगवान राम, लक्षमण, और जानकी जी की अति सुंदर मुर्तिया है। वही दूसरी ओर माँ दुर्गा जी की मंदिर भी देखने योग्य है । इस मंदिर का निर्माण सन् 2011-2012 में हुआ है।यहाँ माँ दुर्गा की करीबन 5 फिट ऊची माँ दुर्गा की संगमरमर से बनी मूर्ति स्थापित है।मंदिर की भीतरी दीवारों में चारो ओर माँ दुर्गा के नव रूपो को उकेरा गया है । नवरात्र में श्रद्धालुगण मनोकामना पूर्ति हेतु यहाँ ज्योत भी जलाते है, पिछले वर्ष चैत्र मास की नवरात्री में यहाँ 272 ज्योत जले थे।
माँ दुर्गा मंदिर - सिन्हा (कलार )समाज |
श्रावण मास में यहाँ शिवभक्तो का विशाल जनसंग्रह उपस्थित होता है पूरा मंदिर परिसर भगवा रंग से रंग जाता है ग्राम बोल बम! के नारों से गूंजता है। अलग अलग स्थानों से श्रद्धालु कावर में जल लेकर दूर दूर से पैदल यात्रा करते हुए यहाँ आकर अपने आराध्य भगवान् शिव को जलार्पण करते है। यहाँ खास बात ये है की यहाँ माघ मास की पूर्णिमा में प्रतिवर्ष 2 से 3 दिनों तक मेले का आयोजन होता है जिसमें दूर दूर से लोग आते है दो दिनों तक आयोजित होने वाले इस मेले में ग्रामीणों द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक आयोजन भी होते रहते है। इसी समय से राजिम कुम्भ मेले का भी आरम्भ होता है जो महाशिवरात्रि तक चलता है। शिवरात्रि में भी लोग दर्शन के लिए आते है ।
संकलन
ओमप्रकाश भाई नवरत्न
ग्राम-टीला (चंपारण)
यहाँ पर शिव लिंग हर वर्ष बढ़ता जा रहा हैं।
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