Monday, November 11, 2019

History of Devbaloda Shiva Temple in Hindi (शिव मंदिर देवबलोदा चरोदा भिलाई - जिला दुर्ग )

आश्चर्य और रहस्य से भरा है, देवबलोदा का यह ,छ: माशी मंदिर।   
भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर का निर्माण 12वीं से 13 शताब्दी के बीच कलचुरी कालीन राजाओं के द्वारा कराया गया था ,यह अधूरा मंदिर, लाल बलुवा पत्थरों से नागर शैली में बनाया गया है। जिसका मंडप भाग नवरंग शैली में बना हुआ है।

Shiv Mandir Devbaloda History in Hindi

Shiv Temple Devbaloda
Shiv Mandir Devbaloda

मंदिर की बनावट काफी भव्य है व मंदिर की दीवारों पर की गई नक्काशी उत्कृष्ट व आश्चर्यजनक है। मंदिर की दीवारों पर नाना प्रकार के देवी देवताओं पशु पक्षी पेड़ पौधे रामायण के प्रसंगों को बखूबी के साथ दीवारों पर उकेरा गया है। मंदिर का निर्माण ऊंची जगती पर किया गया है। तथा बड़े-बड़े पत्थरों के बरामदे में मंदिर को बनाया गया है। मंदिर के गर्भगृह जमीन से नीचे की तरफ है, जिसमें सीढ़ी के सहारे उतरा जाता है। गर्भगृह के अंदर प्राचीन शिवलिंग विद्यमान है। 
Ancient Mahadev Temple in Devbaloda

prachin shiva mandir devbaloda
प्राचीन शिव मंदिर देवबलोदा 

मंदिर के अंदर माता पार्वती ,भगवान जगन्नाथ व कई देवी देवताओं की प्रतिमा स्थापित है। प्रवेश द्वार के ठीक समीप भगवान गणेश की दो भव्य प्रतिमा बनी हुई है।मंदिर के ठीक सामने भगवान शिव की सवारी नदी विराजमान है। मंदिर में दो प्रवेश द्वार है एक प्रवेश द्वार से कुंड तक पहुंचा जाता है। कुंड के समीप पीपल पेड़ के नीचे कई खंडित प्रतिमा संरक्षित करके रखा गया है।

देवबलोदा का प्राचीन महादेव मंदिर
मंदिर के पास एक प्राचीन कुंड है, जिसका जल कभी नहीं सूखता है। भक्तजन कुंड के जल से शिवजी का अभिषेक करते हैं। भक्तों की माने तो इस पवित्र कुंड के जल से स्नान करने मात्र से सभी रोग का नाश होता है।घर की शुद्धि के लिए इस जल का छिड़काव करते है।

shiv mandir devbaloda chhattisgarh
वह कुण्ड जिसमे सुरंग है 

स्थानीय निवासियों के अनुसार इस मंदिर का निर्माण 6 मासी रात में कराया गया था 6 मास बीत जाने के पश्चात दिन हो गए जिसके बाद यह मंदिर ऐसी ही अधूरा छोड़ दिया,ऊपर का हिस्सा नहीं बन पाया ।।।
एक और किदवंती के अनुसार,मंदिर का शिल्पीकार मंदिर को बनाने में इतना व्यस्त हो चुका था की उसे अपने कपड़े पहनने तक का होश नहीं था दिन रात काम करते-करते वह निर्वस्त्र हो चुका था। शिल्पीकार की पत्नी रोज शिल्पकार को भोजन लाकर देती थी। एक दिन किसी कारणवश शिल्पकार की बहन को खाना लाना पड़ गया , भोजन लेकर जैसे मंदिर पहुंची शिल्पकार नग्न अवस्था में था। बहन को आता देख शर्मिंदा के डर से मंदिर से छलांग लगाकर नजदीक में जो कुंड है। उसमें कूद गया उसकी बहन ने देखा कि मेरे भैया मेरे कारण मंदिर से कूदकर आत्महत्या कर ली है। ऐसा समझकर सामने के ही तालाब में छलांग लगाकर अपनी प्राण दे देती है।
Ancient Shiva Temple Devbaloda
प्राचीन शिव मंदिर देवबलोदा

मंदिर के कुंड के बारे में कहा जाता है कि इस कुंड के अंदर दो कुए हैं।जिसमें एक कुआं का संबंध सीधा पाताल लोक से है। जिसमें निरंतर जल की धारा प्रवाहित होती रहती है। और दूसरे कुएं के अंदर एक गुप्त सुरंग बना हुआ है। जो आरंग में जाकर निकलता है, शिल्पकार इसी सुरंग मार्ग से अंदर ही अंदर आरंग पहुंच गया और श्राप वस वह आरंग में पत्थर का बन गया।
Dev baloda Shiv Mandir
Shiv Mandir Dev Baloda 

इस प्राचीन मंदिर तक कैसे पहुंचे:-
रायपुर से 22 किलोमीटर की दूरी पर रायपुर दुर्ग मार्ग पर भिलाई के समीप चरौदा के पास तीन रेल लाइनों को पार करके देवबलोदा ग्राम में यह प्राचीन शिव मंदिर विद्यमान है। देवबलोदा गाव के बस्ती बीच,तालाब के मेड में अनेकों निर्माणाधीन मंदिर है।जो देखने लायक है।मंदिर प्रांगण के अंदर अनेक सुंदर मंदिर है जिसमें, विशाल शिवलिंग अन्य देवी देवतावो के दर्शन किया जा सकता है।

Devbaloda Shiv Mandir

मेले का आयोजन:-
शिव भक्ति से ओतप्रोत इस ग्राम में प्रतिवर्ष महाशिवरात्रि में भव्य मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें दूर-दूर से लोग मेले का आनंद लेने पहुंचते हैं। सावन सोमवारी में शिवजी को जल अर्पण करने के लिए जनसैलाब उमड़ता है। बोल- बम के नारे से मंदिर परिसर गूंज उठता है। पूरा वातावरण शिव मई हो जाता है। यह मंदिर पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित इमारत है। पुरातत्व विभाग द्वारा मंदिर प्रांगण में गार्डन का निर्माण किया गया है। जिसमें लोग विश्राम करते हैंl मंदिर को सुरक्षित रखने के लिए चारों तरफ से लोहे के मजबूत एंगल द्वारा संरक्षित किया गया है। 
टिप :-सूर्योदय से सूर्यास्त तक पर्यटक इस मंदिर के दर्शन कर सकते है।

6 comments:

  1. वाकई में हमारे छत्तीसगढ़ में अनेकों प्राचीन शिव मंदिर विद्यमान है। जो रहस्यो से भरा पड़ा है।
    धन्य है हमारा छत्तीसगढ़।।।।।
    हमें गर्व है कि हम छत्तीसगढ़ की इस पावन भूमि में जन्म लिए है।
    जय जोहार ,जय छत्तीसगढ़

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    1. Aapne Sahi Baat Kahi

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    2. Anonymous04 May

      Dhanya hai hamara chhattisgarh aur yha rahne vale log jo devi devtao se ghire hue hai

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  2. Marvellous architecture.
    Very beautiful and pleasant ambiance.
    Feels as if Lord shiva Himself is standing in front of you.
    Felt blessed every time i visited the place.

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  3. Beautiful sculpture......peaceful place...one of the best holy place in Devbaloda..❣Jai Shiv shankar..

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  4. "A very good place to hangout with family and friends."

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