ढेलवा डोंगरी में है भीम का चिलम
ढेलवा डोंगरी |
यह ढेलवा डोंगरी जिसे भीम डोंगरी के नाम से भी जाना जाता है। यह एक प्राचीन महाभारत कालीन पर्वत है| जिसमे पांडव अपने वनवास काल के दौरान यहाँ पर रुके थे जिस कारण यहॉ का एक अलग ही प्राचीन महत्व है। यहा पर भीम के कई साक्ष प्रमाण पाये गये है जिसमे भीम पाव, भीम का चिलम(गांजा पीने का यंत्र),यहा पर भीम द्वार हिरबिचि कैना को झुला
भीम का चिलम |
Mahabali Bhim Footprint Chhattisgarh Hill ...
झूलाया करते थे। इस स्थान का भौतिक आकलन करने से यह आभास हुवा की वाकई यहा पर कभी पांडव अपना वनवास काल मे कुछ समय यहा बिताये होंगे। दो विशाल पर्वत जो किसी स्तम्भ की भांति प्रतीत होती है| स्थानीय निवासी बताते है कि इसी पर विशाल भीम के द्वारा झुले की रस्सी को इसमे बाधा जाता था। इनके कई साक्ष प्रमाण वर्तमान में देख रेख ना होने के कारण आज विलोपित हो चुके है। आज संरक्षण के आभाव से यह पर्वत अपनी पहचान खोती नजर आ रही है।
पाण्डव इसी रास्ते से खल्लारी डोंगरी भीमखोज डोंगरी,चेंदवा डोंगरी को गए थे| जिसमें खल्लारी में भीम चुल,भीम पैर,और खल्लारी ग्राम के खुफिया सुरंग लाक्षाग्रह के समय इसी सुरंग से निकले थे| आज उसके अवशेष मात्र बचे है।
कैसे पहुचे : - यह स्थान जिला मुख्यालय से 48 km नेशनल हाइवे 35 के रास्ते तुंगाव पटेवा , झलप होते हुवे मूनगाशेर ग्राम में यह डोंगरी स्थित है रास्ते पक्की बानी हुई है।बागबाहरा होते हुवे भी इस स्थान पर पहुचा जा सकता है।जो थोड़ी घुमाव दार है।
इन्हे भी जरूर देखे :-
- खल्लारी माता मंदिर भीमखोज
- माँ चंडी माता मंदिर -बागबाहरा
- लक्ष्मण मंदिर सिरपुर -महासमुंद
- राजीव लोचन मदिर -राजीम कुम्भ
टिप :- यदि किसी के पास इस ढेलवा डोंगरी के बारे में और जानकारी है तो हमें जानकारी भेजे हम इस पोस्ट में जानकारी साझा करेंगे | हमारा संपर्क आई डी devmsmd@gmail.com
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