Tourist places in Chhattisgarh with photos
Tourist places in Chhattisgarh with photos
Introduction to Chhattisgarh
Chhattisgarh is located in the heartland of India, 27 districts which are divided into 5 divisions. There is 7 districts in Bastar division. Dandakaranya area is an important place in India due to its archaeological tourism religious cultural character.
Ramayan period
In this period, the name of G.G. was Southern Kaushal and Bastar's name was Dandakaranya, in Bastar, Lord Rama spent some time during his exile. Mata Sita was defeated in the place called Panchavati.
Major tourist destination of Bastar district
Jagdalpur
The district headquarter is located in Chhattisgarh, 30, is a city inhabited by Kakatiy Rajyavash, it is also a human museum museum.
India's widest waterfall is. Located on the Indravrati river, the pedestal is 300 feet in length 90 fit in terms of fit tourism.
तिरथगढ जलप्रपात-
छत्तीसगढ का सबसे ऊंचा चा जलप्रपात उचाई 300 फिट कांकेर की सहायक नदी मुनगाबाहर बस्तर जिले में स्थित है।
कांकेर घाटी नेशनल पार्क-राज्य का सबसे छोटा राष्ट्रीय उद्यान स्थापना 1982 प्रमुख पशु,पहाडी मैना राजकिय पछी उडन गिलहरी भैसादरहा नामक स्थान पर प्राकृतिक रूप से मगरमच्छ पाये जाते है ।नवीनतम परियोजना तितली पार्क निर्माण किया जाएगा।कुटुमसर गुफा
जगदलपुर से 40 कि.मी की दुरी पर हैं काकेंर घाटी में स्थित हैं। इसकी खोज शकंर तिवारी नें कि थी। भारत की सबसे गहरी गुफा हैं लम्बाई 4500 फिट हैं ।जल द्वारा निर्मित गुफा स्टेलेमाइट औंर स्लेटराइट पत्थर से निर्मित अमेरिका के कार्ल्सवार आफ केव गुफा(दुनिया की सबसे लम्बा गुफा ) सें इसकी तुलना की गई है।यहा अन्धी मछली पायी जाती है।गुफा के अन्दर छोटी- छोटी नदिया बहती है| जिसके कारण बरसात मेें जाने कि मनाही होता है | नवम्बर से मई का समय भ्रमण हेतु उपयुक्त होता है।
कैलास गुुफा
चुने पत्थर सें निर्मित प्राकृतिक गुफा है| जो काकेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में स्थित हैं।गुफा में शिवलिंग कि आकृतिया बनी हुई है।
दंन्तेवाडा जिला
जगदलपुर सें रा राजमार्ग 63 में स्थित है।
दन्तेश्वरी मंदिर निर्माण 14 वी शताब्दी में डंकनी शंखनी नदी के संगम पर निर्माणकर्ता अन्नमदेव काकतीय वंश के शासक निर्माण किया है |
विषेश :- मां दन्तेश्वरी की छ: भुजाओ वाली ग्रेनाइट की प्रतिमा है| यह मंदिर वास्तुकला का उदाहरण है यहा के दिपक में काजल नही केसर बनता है|
सामने मां भुनेश्वरी देवी का मंदिर है। दोनो देवी की पुजा एक साथ होती है|
बारसुर छिन्दलनाग वंश कि राजधानी संस्थापक नृपति भूषण है|
विषेश :- मां दन्तेश्वरी की छ: भुजाओ वाली ग्रेनाइट की प्रतिमा है| यह मंदिर वास्तुकला का उदाहरण है यहा के दिपक में काजल नही केसर बनता है|
सामने मां भुनेश्वरी देवी का मंदिर है। दोनो देवी की पुजा एक साथ होती है|
बारसुर छिन्दलनाग वंश कि राजधानी संस्थापक नृपति भूषण है|
दर्षनीय स्थल :-
सरगुजा जिला 5 जिले सरगुजा कोरिया सुरजपुर बलरामपुर जशपुर जिले में बटा हुआ है मौर्यकालिन से संवन्घित एंव भगवान ने यहा कुछ समय यहा व्यतित किया हैं।
रामगढ की पहाडी में स्थित गुफा जेागी मारा की गुफा
छ ग का शिमला एकमात्र हिल स्टेशन उचाई 1152 मीटर 1962 में तिब्बत शरणार्थियो को यहा बसाया गया था
जलप्रपात रक्सगंडा रिहन्द नदी पर स्थित हैं।सरभंजा मांड नदी पर स्थित हैं।रायपुर संभाग
इस संभाग कें अंर्तगत 5 जिले - रायपुर ,महासमुन्द, गरियाबंन्द, धमतरी ,बलैादाबजार आते है| महासमुन्द जिला
- मामा भाजा मंदिर
- बत्तीसा मंदिर
- चंन्द्रकदित्य मंदिर
- इसकें प्रागण सें गणेश जी की विषाल मुर्ति प्राप्त हुई हैें|
सरगुजा जिला 5 जिले सरगुजा कोरिया सुरजपुर बलरामपुर जशपुर जिले में बटा हुआ है मौर्यकालिन से संवन्घित एंव भगवान ने यहा कुछ समय यहा व्यतित किया हैं।
रामगढ की पहाडी में स्थित गुफा जेागी मारा की गुफा
मौर्यकालिन अशोक के अभिलेख है।अभिलेख की भाषा पाली लिपि ब्राम्ही है| अंजता मौर्य काल कें समकालिन है|| इसमें नर्तक देवदत्त औंर नृत्यिका सुतनिका कें प्रेमगाथा का वर्णन है|
लक्ष्मण बेगरा की गुफा
सीता बेंगरा की गुफा
यहा भरत मुनि नें अपनी नाटय शाला कि रचना की विश्व की प्राचीनतम नाटय शाला स्थित हैं। यही पर कालीदास जी ने अपनी मेंघदुत की रचना की हैं।
मैनपाटछ ग का शिमला एकमात्र हिल स्टेशन उचाई 1152 मीटर 1962 में तिब्बत शरणार्थियो को यहा बसाया गया था
जलप्रपात रक्सगंडा रिहन्द नदी पर स्थित हैं।सरभंजा मांड नदी पर स्थित हैं।रायपुर संभाग
इस संभाग कें अंर्तगत 5 जिले - रायपुर ,महासमुन्द, गरियाबंन्द, धमतरी ,बलैादाबजार आते है| महासमुन्द जिला
भीमखोज खल्लारी महासमुन्द सें 22 किमी कि दुरी पें नेशनल हाइवे 353 में स्थित हैं पर्वत उपर मां खल्लारी का भव्य मंन्दिर जिसमें 900 सीडिया है| निर्माण कल्चुरी शासक ब्रम्हदेव कें शासन काल मे देवपाल मोची ने 1415 ई में करवाया था । चैत्र नवरात्रि मेे यहा मेला लगता है|
Bahut badiya jankari 👌👌👌& nice picture
ReplyDeleteThank you for sharing Information about Chhatisgarh Tourism.
ReplyDeleteThanks a lot for your nice Blog Posting.
Keep writing & Sharing Ahead.
I love how this blog explains everything in details. It's so interesting and informative. Thankyou for sharing!
ReplyDeleteBook Delhi To Bengaluru Flights