Thursday, January 5, 2017

बड़ी खल्लारी माता मंदिर बेमचा (badi khallari mata temple bemcha mahasamund)

बड़ी खल्लारी माता मंदिर महासमुंद से महज़ ४ कि. मी की दुरी पर तुमगांव रोड पर ग्राम बेमचा मे स्थित है यह स्थान पर माता खल्लारी का प्रथम निवास स्थान माना जाता है सबसे पहले माता यही पर प्रकट हुई थी
bemcha khallari mata
बड़ी खल्लारी माता 

उसके बाद माता भीमखोज की खल्लारी ग्राम के  पहाड़ के ऊपर अपना  एक और निवास स्थान बना लिया और माता दोनो जगा भक्तो  का कल्याण करने लगी और  सदा -सदा के लिए पूजनीय हो गई इस प्रकार माता दो रूपो में भक्तो का कल्याण करने लगी?
 यदि भीमखोज की  खल्लारी की माता में कुछ धार्मिक कार्य होता है तो पहले  बेमचा की खल्लारी माता की पहली पूजा अर्चना  की जाती है फिर भीमखोज की माता की पूजा की जाती है नवरात्री  में भी पहला ज्योति बेमचा में जलाया जाता है उसके बाद भीमखोज खल्लारी में ज्योति जलाई जाती है

किवंदती-पुरानी मान्यताओ के अनुशार  माँ खल्लारी 
महासमुन्द से निकट ग्राम -बेमचा से हुवा था इस सम्बन्ध में ऐसे किवंदती प्रचलित है कि ग्राम बेमचा से माता सोडसी का रूप धारण कर बाज़ार आया करती थी उसके रूप लावण्य से वशीभूत होकर एक बंजारा खल्लारी माता  के पीछे पड़ गया बंजारा माता खल्लारी का पिछा करते हुवे पहाड़ी मंदिर तक गया उसके बाद माता क्रोध  वस् उस बंजारा को पाषाण का बना दिया  देवी माता खल्लारी में विलोपित हो गई और उसी पहाड़ी में माता निवाश करने लगी तब से देवी माँ खल्लारी में निवास करने लगी साथ -साथ अपना एक अंश बेमचा में भी छोड़ आई  तब से माता दोनों जगा  पूजी  जाती है 
मुख्य मन्दिर 

खल्लारी माता की प्रसिद्धि को देखते हुवे यहाँ पर दूर दूर से भक्त गण माता के दरबार में अपनी मुराद लेके आती है और माता सभी भक्तो की मनोकामना पूरी करती है
यहाँ पर दोनों पक्ष  की नवरात्री में भारी मात्रा में मनोकामना ज्योति भक्तो के द्वारा जलायी  जाती है पुरे नव दिन देखने लायक रहता है माता की भजन आरती से पूरा वातावरण भक्ति मई हो जाता है

वही मंदिर के समीप ज्योति कक्ष है और सामने भैरो बाबा की निर्माधीन प्रतिमा है ,और माता का प्राकट्य स्थल वही पर है  थोड़े से आगे भगवान राम जानकी  ,और माता कर्मा का मंदिर है जो की  पूरी मंदिर परिसर को चार -चार लगा देती है  भगवान  राम लक्ष्मन सीता और केवट राज की मूर्ति से निगाहे नहीं हटती और उसके स्वरुप आखो में बस जाती   है यहा  पर राम नवमी को विशेष रूप धूम -धाम से  मनाया जाता है यहाँ पर  प्रतिवर्ष मेले का आयोजन किया जाता है
मंदिर से निकलते हुए थोड़ी सामने वेद माता गायत्री और मंदिर का दर्शन करके  प्रस्थान  करना चाहिए

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1 comment:

  1. It is Goddess Durga temple known as *Khallari mata*

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