Nrusinghanath Temple Odisha नृसिंहनाथ मन्दिर ओड़िशा
ओड़िशा कि पावन धरा पर वैसे तो अनेक प्रसिद्ध मंदिर तीर्थ स्थल है मगर नरसिंह क्षेत्र का अपना हि एक विशेष महत्व रखता है| यहा पर साल भर देश विदेश से लोग इस पावन धरा पर पहुचते है प्रकृति कि गोद में विराजमान गंध मादन पर्वत पर दुर्लभ जड़ी बूटी कि खदान मौजूद है| यहाँ के घने जंगल, कपिल धारा के झरने देखने योग्य है जो सभी सैलानी को अपनी ओर आकर्षित करती है|
मुख्य द्वार |
यहाँ पर कैसे पहुचे :-
पूर्वी रेल्वे कि रायपुर -विजयानगरम लाईन पर रायपुर से महज़ ७३ मील दूर नवापारा रोड़ स्टेशन है | वहा से २२ मील पर यह तीर्थ है | नवापारा से पाइकमाल तक बस -सर्विस है | आगे केवल देड मील मार्ग रह जाता है | यहाँ धर्मशाला है| यहाँ मुख्य मंदिर श्री नृसिंह-भगवान है | उसके अतिरिक यहाँ शंकर जी और जगन्नाथ जी का भी मंदिर है | वैशाख पूर्णिमा को यह मेला लगता है जिसमे विशाल जन समुदाय को देखा जा सकता है| इस स्थान पर अनेक प्राचीन मंदिर मुर्तिया विद्यमान है| जल धारा के किनारे चट्टानों पर तरासे देवतावो कि प्रतिमा अदभुद है|
कपिल धारा |
कपिल धारा कि दूरी :-
मंदिर परिसर से ३ से ४ कि मी कि दूरी पर घने पहाड़ो के उपर यह जल धारा है मोटर सायकल या पैदल चलकर यहाँ पंहुचा जा सकता है उसकी जल धारा देखने योग्य है उपर पहाड़ कि छोटी से निर्मल जल कि धारा गिरती रहती है जो कभी भी बंद नहीं होती है, उसमे अपार जल भंडार है और उसी जल में भक्त जन स्नान आदि कार्य करते है|
वानर राज (लाल मुख वाले बन्दर )से कोई छेड़छाड़ नहीं करना चाइये घुसैले स्वाभाव होने के कारण नुकसान पंहुचा सकता सकता है| यदि उसको कुछ खाने को नहीं दिया गया तो वो भोजन सामान को छीण कर भी भाग जाते है| थोडा सावधान होकर रहना चाइये ,बाकी वानर के होने से यहा कि रौनकत और अधिक बड जाती है।
यहाँ पहाड़ी के रास्ते हरिशंकर भी जाया जाता है मगर रास्ता थोडा कठिन है| इस स्थान से पतोरा बाध काफी नजदिक है| योगेश्वर शिव मंदिर राम मंदिर राजीव उद्यान देखने योग्य है|
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