माँ बगुला मुखी ( जिसे बंजारी माता के नाम से जाना जाता है| यह प्रसिद्ध मंदिर रायपुर जिले में स्थित है| रायपुर से बिलासपुर नेशनल हाइवे क्र. 30 पर स्थित है|
स्थानीय निवासी के अनुसार माता रानी की प्रतिमा भुगर्भित है| माता स्वयं अपनी इच्छा स्वरुप इस स्थान पर प्रकट हुई है| इसे माँ दुर्गा का अवतार भी कहा जाता है| लोगो के अनुसार पहले यह स्थान बंजर भूमि हुवा करता था| जिसके चलते इस स्थान पर लोगो का आना जाना न के बराबर हुवा करता था| मगर माता के प्रागट्य स्वरुप यह स्थान उपजाऊ होने लगा तथा इस स्थान का महत्व बडने लगा|
( माता रानी बंजर भूमि में प्रगटी है| इस कारण माता का नाम बंजारी पड़ा तथा माँ का जो मुख है वह बगुला के मुख के सामान है जिस कारण माता का नाम बगुला मुखी पड़ा )
उज्वल गौ रक्षण केंद्र
मंदिर ट्रस्ट के द्वारा पास में ही गौशाला चलाया जाता है| जिसमे गायो का पालन किया जाता व घायल बीमार गौमाता व अन्य पशुवो का उचित ईलाज किया जाता है|
इस स्थान पर कैसे पहुचे :- यदि आप ट्रेन से आ रहे है तो रेल्वे स्टेशन से इसकी दुरी 8 कि.मी है| और बस स्टैंड से इसकी दुरी 11 कि.मी है यदि आप प्लेन से आ रहे हो तो स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट से इसकी दुरी 14 कि.मी है| यहाँ पहुचने के लिए नियमित रूप से बस ऑटो अदि चलती रहती है|
विशेष सहयोग
श्री दुष्यंत साहू ग्राम - (धनेली)
इन्हे भी जरूर देखे :-
बंजारी माता |
स्थानीय निवासी के अनुसार माता रानी की प्रतिमा भुगर्भित है| माता स्वयं अपनी इच्छा स्वरुप इस स्थान पर प्रकट हुई है| इसे माँ दुर्गा का अवतार भी कहा जाता है| लोगो के अनुसार पहले यह स्थान बंजर भूमि हुवा करता था| जिसके चलते इस स्थान पर लोगो का आना जाना न के बराबर हुवा करता था| मगर माता के प्रागट्य स्वरुप यह स्थान उपजाऊ होने लगा तथा इस स्थान का महत्व बडने लगा|
( माता रानी बंजर भूमि में प्रगटी है| इस कारण माता का नाम बंजारी पड़ा तथा माँ का जो मुख है वह बगुला के मुख के सामान है जिस कारण माता का नाम बगुला मुखी पड़ा )
माता का शयन कक्ष |
आज जो वर्तमान मंदिर है वह काफी भव्य व मंदिर परिसर पर नाना प्रकार के सुन्दर मूर्तियों व मंदिरो का निर्माण किया गया है जिस कारण मंदिर की सुन्दरता और भी चार - चाँद हो गयी है|
शंकर भगवान कि निर्माधीन प्रतिमा |
वैसे तो मंदिर में हमेशा भक्तो का ताता लगा रहता है,मगर साल के दोनों नवरात्रि व दशहरा में काफी भीड़ देखी जा सकती है| नवरात्र के समय भक्तो के द्वारा भारी मात्र में मनोकामना ज्योति जलाई जाती है|
उज्वल गौ रक्षण केंद्र
मंदिर ट्रस्ट के द्वारा पास में ही गौशाला चलाया जाता है| जिसमे गायो का पालन किया जाता व घायल बीमार गौमाता व अन्य पशुवो का उचित ईलाज किया जाता है|
हनुमान जी कि प्रतिमा |
इस स्थान पर कैसे पहुचे :- यदि आप ट्रेन से आ रहे है तो रेल्वे स्टेशन से इसकी दुरी 8 कि.मी है| और बस स्टैंड से इसकी दुरी 11 कि.मी है यदि आप प्लेन से आ रहे हो तो स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट से इसकी दुरी 14 कि.मी है| यहाँ पहुचने के लिए नियमित रूप से बस ऑटो अदि चलती रहती है|
विशेष सहयोग
श्री दुष्यंत साहू ग्राम - (धनेली)
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