बाबा कुटी आश्रम जिसे माण्डव्य ऋषि आश्रम भी कहा जाता है यह आश्रम गरियाबंद जिले के फिगेश्वर ब्लाक मे आता है जो फिगेश्वर से काफि नजदीक लगभग 1 कि. मी. की दूरी पर राजिम र्माग मे सगन वनो के बीच मे है यह माण्डव ऋषि और बाबा श्री श्री 108 श्री सीया भुनेश्वरी शरण ब्याश कि तपस्या स्थिली है|
यहा बाबा कि कुटिया मन्दिर और उसकी यज्ञ शाला स्थित है यहा का वातावरन काफि रमनीय चारो तरफ घने वनो से आश्रम घिरा हुवा है| यहा पर आके भक्तो को परम शांति का अनूभव होता है|
इस स्थान की मान्यता :- कहा जाता है की भगवान राम अपने वनवास के समय फिंगेश्वर के फनिकेश्वर नाथ महादेव की पूजा अर्चना किया था उसके बाद वहा से राजिम गए थे यही बाबा कुटी जो रामायण कालीन माण्डव्य ऋषि का आश्रम था तब भगवान राम यहाँ पर रुके थे उनसे आगे का रास्ता पूछा था तथा गुरु का वंदन किया था तब से यह स्थान पावन तीर्थ के रूप में पूजा जाता है |
यहाँ पर समय - समय धार्मिक अनुष्ठान होते रहते है | साथ ही यहाँ पर प्रति वर्ष कार्तिक पूर्णिमा को स्नान ध्यान करके भोले बाबा की पूजा किया जाता है फिर आवला वृक्ष के निचे भोजन बनाया जाता है जिसमे आस पास के ग्राम के महिलाओं द्वारा समूह में आवला भात खाया जाता है जिसमे भारी संख्या में भीड़ देखने को मिलती है|
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