अति प्राचीन है फिंगेश्वर का फनिकेश्वर नाथ शिव मंदिर छः मासी रात का बना है यह मंदिर बिना कलश का है यह मंदिर कलश स्थापित करने से पहले ही भोर हो गया था इसलिए कलश को मंदिर के अंदर स्थापित कर दिया गया है : खजुराहो के सामान ही इसमें महीन से महीन नक्क्सी व कामुक प्रतिमा का निर्माण किया गया है इस मंदिर की निर्माण शैली भी अदभुद है| इस मंदिर को बनाने में विशाल चट्टानों को तरास कर इसमें प्रयोग किया गया है| यह मदिर अपने अंदर अनेको राज छुपाये हुवे है| इसे स्थानीय लोग फिंगेश्वर का खजुराहो मंदिर भी कहते है|
फनिकेश्वर नाथ मंदिर को को पाच कोसी धाम के रूप में पूजा जाता है | इस स्थान पर वनवास के समय माता सीता ने शिव जी की पूजा अर्चना किया था |
दूर दूर से भक्त सावन मॉस में यहाँ बाबा को जल से अभिषेक करने के लिए आते है|
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