जतमई माता मंदिर गरियाबंद छत्तीसगढ़
घने जंगलो चट्टानों व
झरनो के बीच
में निवास करती
है | माँ जतमई
,
मुख्य मंदिर |
माता के दर्शन
तथा झरनो का
आनंद लेने के
लिए लाखो कि
संख्या में भक्त
गन आते है
| यह स्थान पर
एक प्राकृतिक झरना
है जो यहाँ
का मुख्य आकर्षण
का केंद्र है|
इसी के चलते
यहाँ हर समय
भक्तो का ताता
लगा रहता है
जतमई माता मंदिर |
इस स्थान पर
आके लोग एक
अलग ही अनुभव
का अहसास करते
है | तथा प्रकृति
से रूब
– रूब होते है
यह पर झरनो
पर लोग स्नान
करते है तथा
जल क्रीडा का
लुप्त उठाते है
इस स्थान पर
भक्त सहज ही
खीचे चले आते
है | इस स्थान
के आस पास
जंगली जानवर का
निवास स्थान है
| और जानवर इसी
के जल से
अपनी प्यास बूझाते
है
यहाँ पर माता
को वनदेवी के
नाम से जाना
जाता है माता
का मंदिर विसाल
चट्टान के उपर
बनी हुई है
जो काफी अधभुद
है माता रानी
एक चट्टान मे
खोल के नीचे
निवास करती है
उसके निवास स्थान
से जल की
धारा निकलती रहती
है यही मंदिर
प्रांगन के
समीप एक भव्य
गुफा है गुफा
के अंदर माँ काली
अपनी दो बहनों
के साथ विराज
मान है | यहाँ पर
एक विशाल शिव
मंदिर का निर्माण
कार्य चल रहा
है | मंदिर से
आगे यदि आप
जाते हो तो
आपको एक विशाल
हनुमान जी कि
प्रतिमा मिलती है
जिसमे हनुमान जी भगवान
राम और लक्ष्मण
को अपने हातो
पर उठाये हुवे
है |
विशाल हनुमान प्रतिमा |
प्रवेश द्वार |
वनदेवी माँ जतमई |
यहाँ पर साल
के दोनो नवरात्रि
मे भक्तो के
द्वारा मनोकामना ज्योति जलायी
जाती है माता
के इन नव
दिनों में माता
के भजन कीर्तन
से पूरा वातावरण
गूंज उठता
है भक्त अपनी
मुरादे लेके यहाँ आते
है और झोली
भरकर वापस जाते
है
यही मंदिर के समीप
एक शेर गुफा
है जिसमे कभी
शेर का निवास
स्थान रहा होगा
लेकीन पर्यटक तथा
आवागमन के
कारन वह अब
इस स्थान को
छोड़ कर कही
दूर चला गया
है |
सिद्ध बाबा
माता रानी के
मंदिर से ठीक
पहले एक स्थान
है जिसे सिद्ध
बाबा का स्थान
कहा जाता है
कहते है आज
से 400 से 500 पहले एक
साधू रहते थे
और आज भी
उसका एक चिमटा
उस स्थान पर
है | जिसे लोग
बड़ी श्रधा के
साथ पूजा अर्चना करते
है|
कैसे पहुचे :- रायपुर से
इसकी दूरी लगभग
76 कि.मी है| यह
पहुचने के लिए
उत्तम सडक मार्ग
निर्मित है| यह
स्थान पर पिकनिक
आदि मनाने के
लिए उत्तम स्थान
है | यह
क्षेत्र गरियाबंद जिले के
छुरा ब्लाक के
अंतर्गत आता है
|
पास के अन्य
तीर्थ – यहाँ से
आगे घटारानी के
दरबार पंहुचा जाता
उस स्थान पर
प्राकृतिक झरना है|
गरियाबंद के रास्ते
कचना ध्रुवा के
दर्शन किया जाता
है पैरी
नदी के समीप होते
हुवे गरियाबंद पंहुचा जाता
है | जिला मुख्यालय से
2 कि.मी बगल में
विशाल शिवलिंग है जिसे
भूतेश्वर नाथ कहा
जाता है उसके
दर्शन किया जा
सकता है|
भक्तो से निवेदन
:- है कि इन
प्राकृतिक स्थान पर ज्यादा
कूड़े करकट प्लास्टिक
कि थैलिलो का
प्रयोग ना करे
तथा कूड़े करकट
का उचित प्रबंधन
करना चाहिए यत्र
तत्र फेकना नहीं
चाहीये तथा किसी
प्रकार का तोड़
फोड़ नहीं करना
चाहेए तथा अपनी
मर्यादा में रहना
चाहिये आनैतीक कार्य नही
करना चाहिए रास्ता
बड़ा दुर्गम है
धीमी गति में
चलना चाहिए|
बहुत ही सुन्दर लेख एंव सराहनीय कार्य मेरे मित्र भाई देवेंद्र चंद्राकर
ReplyDeleteआपका बहुत बहुत धन्यवाद भाई वृन्दावन पटेल|
DeleteThis is good place to visit with friends and family. One day trip. Nice waterfall and temple. Easy access on bike and car. No public transport available.
ReplyDeleteBeautiful temple in the midst of a waterfall. Has a decent restaurant and a small resort with some rooms to stay overnight.
ReplyDeleteBest experience in Temple and waterfall nice architecture of Temple and oldest. it was best experience in my life. Nature you may be loved no tension only feel good in hill you will be best experience .
ReplyDeleteA nice waterfall in Gariyaband district of Chhatisgarh. Crowd is found through out the year and more time of winter season. Visit at least once to this enjoyable and memorable place.
ReplyDeleteहमे या हमारे छत्तीसगढ़ राज्य के अनेक मन्दिर को जानने का मौका आप लोगो के मध्यम से पुरा होता है
ReplyDeleteहमे इस जतमई मन्दिर और धटारानी मन्दिर के इतिहास के बारे में कुछ बताइए सर
veri nice
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