शिव मंदिर - दलदली |
दूधेश्वरनाथ महादेव ,दलदली उमरदा |
दलदली चारों ओर से घने जंगलो और पहाड़ियो से घिरा हुआ है यहा कि प्राकृतिक सुंदरता बहुत ही मनमोहक है। इसी कारण यहाँ बड़ी संख्या मे श्रद्धालु वर्ष भर भ्रमण हेतु आते रहते है, आसपास का माहौल भी मनोरंजन व पिकनिक जैसी गतिविधियो हेतु लोगो को प्रिय है।
दलदली मे शिवजी की अति मनोरम मंदिर निर्मित है, गोमुख से निकलने वाली जल धारा से एक बड़ा कुंड निर्मित है।जिसमे भक्त स्नान करते है| गौमुखी के जल का उपयोग शिव जी को जल अर्पण करने के लिए करते है साथ ही ,श्रद्धालु पीने हेतु भी इसका उपयोग करते है। कुण्ड के जल मे बर्तन व कपड़े धोना जैसे कार्यो पर निषेध है। शिव स्थली होने के कारण यह स्थान शिवभक्तों के विशेष आकर्षण का केंद्र है।
श्रावण मास मे यहाँ बड़ी संख्या मे भक्तो की भीड़ उमड़ती है जो शिव जी को जलार्पण करने यहाँ पहुचते है स्थानीय श्रद्धालु गोधारा से जल ले कर पद यात्रा कर अन्य स्थानो पर जलार्पण हेतु जाते है। पूरे श्रावण मास मे यहाँ श्रद्धालुओ की अच्छी भीड़ भगवान शिव के दर्शन के लिए उमड़ती रहती है प्रायः श्रावण माह के तीसरे और चौथे सोमवार को यहाँ विशेष आकर्षण होता है। साथ ही यहाँ महाशिवरात्री मे विशेष आयोजन होते है। माघ मास की पुर्णिमा (छेरछेरा पुर्णिमा) मे यहाँ विशाल मेले का आयोजन होता है जिसमे बड़ी संख्या मे लोग आते है।मेले से पहले 11 दिनों का यज्ञ होता है जिसमे दूर दूर से साधु सन्यासी आते है| पूरा वातावरण भक्ति मय हो जाता है और छेरछेरा को पूर्णाहुति होती है| उसी दिन भव्य मेला लगता है |
श्रावण मास मे यहाँ बड़ी संख्या मे भक्तो की भीड़ उमड़ती है जो शिव जी को जलार्पण करने यहाँ पहुचते है स्थानीय श्रद्धालु गोधारा से जल ले कर पद यात्रा कर अन्य स्थानो पर जलार्पण हेतु जाते है। पूरे श्रावण मास मे यहाँ श्रद्धालुओ की अच्छी भीड़ भगवान शिव के दर्शन के लिए उमड़ती रहती है प्रायः श्रावण माह के तीसरे और चौथे सोमवार को यहाँ विशेष आकर्षण होता है। साथ ही यहाँ महाशिवरात्री मे विशेष आयोजन होते है। माघ मास की पुर्णिमा (छेरछेरा पुर्णिमा) मे यहाँ विशाल मेले का आयोजन होता है जिसमे बड़ी संख्या मे लोग आते है।मेले से पहले 11 दिनों का यज्ञ होता है जिसमे दूर दूर से साधु सन्यासी आते है| पूरा वातावरण भक्ति मय हो जाता है और छेरछेरा को पूर्णाहुति होती है| उसी दिन भव्य मेला लगता है |
गौमुखी-दलदली |
विशेष :-
"गोधारा "का जल अत्यंत पवित्र माना गया है| व गौमुख से निकलने वाली जल धारा निरंतर बहती रहती है भीषण गर्मी मे भी गोधारा से जलस्त्राव बाधित नहीं होता।
निवेदन –
गोधारा स्थित शिव स्थली प्रकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण है, आगन्तुको से हमारा सविनय निवेदन है की ऐसे प्राकृतिक धरोहरों को किसी भी प्रकार का नुकसान न पहुंचाए। पिकनिक और भ्रमण हेतु यदि यहाँ पहुचे तो कचरे का निस्तारण उचित ढंग से करे, ताकि वातावरण स्वच्छ रहे व आने वाली पीढ़ियाँ भी इन प्राकृतिक उपहारों का लाभ ले सके। धन्यवाद !
संकलन देवेंद्र चंद्राकर ग्राम बोरियाझर |