Monday, January 4, 2021

Kuleshwar Mahadev Temple Rajim ( कुलेश्वर महादेव मंदिर राजिम)

देवो के देव महादेव ,ब्रम्हा ,विष्णु ,शंकर के भी रचियता त्रिमूर्ति ,तीनो लोको के मालिक त्रिलोकीनाथ,तीनो कालो को जानने वाले त्रिकालदर्शी 

विश्व कि सभी आत्माओ के परमपिता परमात्मा  शिव ही है | वे अजन्मा ,अकर्ता ,अभोक्ता ,अविनासी है | परम धाम  के निवासी है ,जिसे हम शांतिधाम ,निर्माण धाम ,बैकुंठ ,ब्रम्हलोक कहते है | परमात्मा शिव हजारो सूर्यो से भी तेजोमय है |
Rajim,Kuleshwar Mahadev Mandir

Kuleshwar Mahadev Temple Rajim


उन्हें इस स्थूल आँखों से देखना संभव नहीं है | उनके साथ कि अनुभूति तो कि जा सकती है वे तो पवित्रता के सागर है| हम पवित्र बने बगैर  उनसे अपना सम्बन्ध  नही जोड़ सकते  है | जब आत्मा पवित्रता  का व्रत  लेकर उस सर्व शक्तिमान  से ध्यान लगाती है तो उनके साथ कि उनकी  शक्तियो कि अनुभूति होने लगती है|  इसी आस्था के साथ 
Kuleshwar Mahadev Rajim
कुलेश्वर महादेव मंदिर 

राजिम में  त्रिवेनी  संगम पर स्थित कुलेश्वर महादेव का प्रसिद्ध मंदिर स्थित है| छत्तीसगढ़ के प्राचीन मंदिरों  में इसकी गणना  कि जाती  है | मान्यता है कि ,शिवलिंग कि स्थापना माँ सीता ने अपने हाथो  से किया था और राम लक्ष्मण सहित तीनो ने  मिलकर देवो के देव कि यही पर विधि विधान से पूजा अर्चना कि  जिस कारण  यह स्थान परम तीर्थ के रूप में पूजा गया |
Kuleshwar Mahadev Temple,Rajim-Chhattisgarh
कुलेश्वर महादेव राजिम 

यहाँ पर सबसे ज्यादा भीड़ महाशिवरात्रि को देखा जाता है कहते है इस दिन बाबा सहज जल अर्पण मात्र से ही प्रसन्न हो जाते है |और मन चाही वरदान दे देते है| जिसके कारण यहाँ लाखो कि संख्या में भीड़ उमड़ती है| बाबा के जयकारे से पूरा नदी तट कम्पाय मान हो जाता है| जो देखने लायक होता है | यहाँ पर सावन माश  में बाबा  को जल अर्पण करने के लिए दूर दूर से भक्त आते है|
इस त्रिवेणी संगम में बरसात के दिनों में कितना भी जल प्रवाह हो | मगर भक्त जन बाबा कि पूजा अर्चना  करना  बंद नही करते और कुछ तो नौका से बाबा कि पूजा अर्चना करने  जाते है |(वर्तमान में मंदिर तक पहुंचने के लिए प्रशासन द्वारा लक्ष्मण झूला का निर्माण कराया गया है|) (इससे पता लगता है कि बाबा के प्रति भक्तो  कि अटूट श्रधा देखी जा सकती है |
Mama Bhacha Temple Rajim
प्रथम दर्शन मामा  भांचा  मन्दिर  

लोंगो के अनुसार इस मंदिर में एक गुप्त  सुरग बनी हुवी है जो पास ही में लोमश ऋषि  आश्रम में  इसका निर्गम स्थल है| और एक मार्ग राजीव लोचन मंदिर परिसर में निकलती है |
tourist places in rajim

यहाँ पर प्रति वर्ष महाशिवरात्रि में विशाल मेले का आयोजन किया जाता है|
त्रिवेणी संगम होने के कारण यहाँ मंदिर परिसर में बच्चो का मुंडन कार्य किया जाता है|  मंदिर कि बनावट काफी भव्य है|मंदिर कि नीव काफी मजबुद है| 
rajim mandir Chhattisgarh

मंदिर का शिलालेख -कुलेश्वर महादेव 

जो भीषण बाढ आने पर भी इस मंदिर का बाल बाका नहीं कर  सकता इस मंदिर में अनेक प्राचीन मुर्तिया ,मुख्य मंदिर के बरामदे में रखी हुई है |और यह मंदिर विशाल पिपल के छाव में स्थित है| शिवलिंग पर सिक्के डालने से  सिक्के अन्दर  जाती है  और ॐ  कि ध्वनी निकलती है |जो अपने आप में चमत्कार है|