Saturday, June 30, 2018

छत्तीसगढ़ के मंदिर Famous temples of Chhattisgarh #CG Temple

Maa Danteshwari Temple Dantewada दंतेश्वरी मंदिर दंतेवाड़ा 

छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में संखनी डंकनी नदी के संगम पर माँ दंतेश्वरी का विश्व प्रसिद्ध मंदिर स्थित है| मंदिर काफी भव्य व अति प्राचीन है इसकी दीवारे लकड़ी से बनायीं गयी है|Chhattisgarh Ke Prasidh Mandir



Famous temples of Chhattisgarh


मंदिर प्रांगन पर विष्णु ,गणेश ,नंदी कि कलात्मक प्रतिमा बनी हुई है व मंदिर के ठीक सामने भगवान विष्णु का गरुड़ स्तम्भ बना हुवा जिसे अति पावन माना जाता है| इस मंदिर का निर्माण काकतीय नरेश अन्नदेव ने 14 वि शताब्दी में कराया था जो बस्तर के राजावो व स्थानीय निवासियों का आस्था एवं श्रद्धा का प्रतिक माना जाता है|
यहाँ मा दंतेश्वरी कि छ: भुजावो वाली ग्रेनाईट कि प्रतिमा बनी हुई है| यह मंदिर वास्तु कला का अनुपम उदहारण है, इसी स्थान पर माता सती के अग्नि में भस्म के उपरांत दात का टुकड़ा गिरा जिस कारण इस स्थान का नाम दंतेवाडा पड़ा ,जिसे सिद्ध शक्ति पीठ के रूप में पूजा जाता है|

Shakti Peetha's in Chhattisgarh

आज पुरे बस्तर को ,माँ दंतेश्वरी व वहा के रीती रिवाज धार्मिक आस्था के स्वरुप एक अलग ही पहचान प्राप्त हुई है जो पुरे छत्तीसगढ़ कि सान बन गयी है| माँ दंतेश्वरी को वहा के सभी जन समुदायों कि आराध्या कुल देवी के रूप में पूजा जाता है|
Famous temples of Chhattisgarh
बिना माता के पूजा अर्चना के कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता, यहाँ पर नवरात्रि के समय वृहत मेले का आयोजन किया जाता है, जो मेला नव दिनों तक चलता है नवरात के समय भक्तो के द्वारा मनोकामन ज्योति जलाई जाती है| यहा माता के दरबार में साल भर भक्तो का ताता लगा रहता है|

मंदिर में प्रवेश पूर्व कुछ निषेध :- इस मंदिर में पेंट पहनकर व चमड़े का बेल्ट व चमड़े से बनी कोई भी वस्तु अंदर जाना निषेध है| यहाँ पर पुरुष लोग धोती कुर्ता व महिलाये साडीया पहनकर मंदिर के अन्दर प्रवेश पा सकते है|

विशेष :- यहाँ के दीपक से काजल नहीं केशर बनता है| व सामने माँ भुनेश्वरी देवी का मंदिर स्थित है व दोनों माँतावो का एक साथ पूजा किया जाता है|


Mahamaya Temple Ratanpur - Chhattisgarh Ke Temple

रतनपुर छत्तीसगढ़ का धार्मिक ऐतिहासिक,पुरातात्विक महत्व का स्थल है| रतनपुर कि स्थापना कलचुरी शासक रत्नदेव प्रथम ने कि थी
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उसने तुस्मान कि जगह इसे राजधानी बनाया था रतनपुर के कलचुरी शासक रत्न देव प्रथम ,पृथ्वीदेव प्रथम ,आदि ने रतनपुर कि सौदर्यता में भारी वृद्धि कि तथा यहाँ के विकाश कार्य के लिए कई निर्माणात्मक कार्य करवाए थे साथ ही अनेक मंदिर तालाबो का निर्माण
Famous temples of Chhattisgarh
इसी काल में किया गया था| महामाया मंदिर ,कंठी देवल मंदिर ,बूढेश्वर महादेव मंदिर ,भैरव मंदिर हनुमान मंदिर सभी कलचुरी कालीन मंदिर है| प्रथम मराठा शासक बिम्बाजी भोसले ने राम टेकरी पहाड़ी पर भगवान रामचंद्र का मंदिर का निर्माण करवाया था| रतनपुर में कई तालाब है जिसे कपिलेश्वर तालाब,वहारिया तालाब रतनेश्वर तालाब प्राचीन व उल्लेखनीय है| रतनपुर में आज भी प्राचीन किले के भग्न अवशेष विद्यमान है यह कलचुरी शासको द्वारा निर्माण कराया गया था जो बादलमहल के नाम से जाना जाता है|
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माँ महामाया का मंदिर काफी भव्य व प्राचीन है| इतिहासकारो के अनुसार यह मंदिर 1000 वर्ष पुराना है| मंदिर के भीतर महाकाली ,सरस्वती ,व महालक्ष्मी कि कलात्मक प्रतिमा विराजमान है|

छत्तीसगढ़ के  मंदिर
यहाँ मंदिर बिलासपुर अम्बिकापुर मार्ग पर बिलासपुर से महज 25 किलोमीटर कि दुरी पर रतनपुर में स्थित है इसे सिद्ध शक्ति पीठ के रूप में पूजा जाता है| यहाँ नवरात्रि में भारी संख्या में ज्योति कलश भक्तो के द्वारा विधि विधान से प्रज्वलित किया जाता है | पूरा नवरात्रि के समय मेले सामान प्रतीत होता है | माता के जयकारो से मंदिर परिसर गूंज उठता है|

Khallari Mata Mandir Bhimkhoj - Mahasamund - Chhattisgarh


खल्लारी का प्राचीन नाम खल्लवाटिका थी रायपुर के कलचुरी शासक ब्रमदेव के कार्य काल में देवपाल नामक मोची ने अपनी पूरी जीवन भर कि कमाई से प्रसिद्ध नारायण मंदिर का निर्माण कराया था |
खल्लारी माता मंदिर भीमखोज महासमुंद
खल्लारी माता मंदिर भीमखोज महासमुंद
जिसे जगन्नाथ मंदिर के नाम से भी जाना जाता है| प्राचीन काल में यहाँ लगभग 125 तालाब हुवा करती थी| माँ खल्लारी का प्रसिद्ध मंदिर उची पहाड़ी पर स्थित है| लगभग 845 सिढ़ी चढ कर माता के दरबार में पंहुचा जाता है|
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मंदिर काफी विशाल है| माता कि मोहनी सूरत भक्तो को स्वतह अपनी ओर आकर्षित करती रहती है| पहाड़ी को ऊपर अनेक देखने लायक स्थान है जिसमे भीम पाव ,भीम चुल ,डोंगा पत्थर ,शेर गुफा (जवारा गुफा )शिव प्रतिमा आदि देखने लायकहै मंदिर परिसर पर भव्य ज्योति कक्ष बनी हुई है| यहाँ पर साल के दोनों नवरात्रि में भक्तो द्वारा मनोकामना ज्योति जलाई जाती है| व नव दिन का भंडारे का आयोजन समिति के द्वारा किया जाता है |

Chhattisgarh Temple

यहाँ पर प्रति वर्ष खल्लारी महोत्सव का आयोजन किया जाता है| यहाँ पर तीन दिनों का भव्य मेले का आयोजन किया जाता है|पहाड़ी कि ऊपर छोटी खल्लारी व पहाड़ी के निचे बड़ी खल्लारी माता विराजमान है| अधिक जाने ....

Chandi Mata Mandir Bagbahra and Chandi
Mandir Birkoni - District- Mahasamund

महासमुंद जिले कि पावन धरा पर सिद्ध चंडी माता का मंदिर स्थित है मंदिर जिला मुख्यालय से 5 कि.मी. कि दुरी पर बिरकोनी नामक ग्राम में स्थित है वही दुसरी चण्डी माता मंदिर महासमुंद के बागबाहरा तहशील में घुंचापाली कि सुन्दर पहाड़ी पर स्थित है|


Chhattisgarh Ke Mandir

माता कि विशाल काय प्रतिमा भूगर्भित है व प्रतिमा नित नित बड रही है जिस कारण अनेको बार इस मंदिर को तोड़कर नए मंदिर का निर्माण कार्य किया जा चूका है| पहाड़ी के ऊपर छोटी चण्डी माता विराजमान है| पर वहा पर पहुचना आसन नहीं है रास्ते जंगली जानवर से भरी पड़ी है इस कारण ज्यादा तर नवरात के समय सामूहिक रूप से पहाड़ी कि चडाई किया जाता है| मंदिर के समीप एक प्राचीन कुवा है जो ज्यादा गहराई नहीं होने के बावजूद हमेश जल से लबा-लब भरा रहता है| मुख्य मंदिर काफी विशाल है तथा बड़ी- बड़ी ज्योति कक्ष आस- पास बनी हुई है| भक्तो के ठहरने के लिए विश्राम भवन का निर्माण किया गया है|

Temple in Chhattisgarh

माता के मंदिर में आरती कि जैसे ही घंटी बजती है भालुवो का झुण्ड माता के दरबार में प्रसाद लेने के लिए आता है| व अभी तक किसी को कोई नुकसान नहीं पहुचया है| प्रसाद ग्रहण करके स्वतह वहा से चला जाता है| इसे माता का ही चमत्कार मान सकते है| प्रतिवर्ष साल के दोनों नवरात्रि में मनोकामन ज्योति कलश जलाई जाती है साथ ही मेले का आयोजन किया जाता है|
बिरकोनी चण्डी माता मंदिर ,मंदिर तो निर्माधीन है मगर माता कि प्रतिमा प्राचीन है| माता अपनी दो संतानों के साथ यहाँ विराजमान है मंदिर काफी भव्य है| मंदिर परिसर पर माता के सभी स्वरुप कि प्रतिमा उकेरी गयी है|
  
Maa Chandi  Mandir
यहाँ पर नवरात्रि के समय भक्तो के द्वारा मनोकामना ज्योति जलाई जाती है मंदिर के समीप शिव मंदिर, हनुमान जी का निर्माधीन मंदिर स्थित है|

Maa Chandi  temple birkoni - Chhattisgarh
मंदिर के समीप एक विशाल बरगद का वृक्ष है जिसे मनोकामन वृक्ष के नाम से जाना जाता है| जिसमे मनोकामना के लिए नारियल बांधा जाता है| यहाँ पर छेरछेरा के दिन विशाल मेले का आयोजन किया जाता है अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करे

Maa Chandrahasini Temple -Janjgir Champa- #CG Temple    

Chandrahasini Mandir

जांजगीर – चापा जिले में महानदी के तट पर स्थित चंद्रपुर नगर में माँ चन्द्रहासिनी देवी का मंदिर है| माता का मंदिर काफी भव्य है | व मंदिर परिसर पर नाना प्रकार के कलात्मक निर्मधीन विशाल प्रतिमावो का निर्माण किया गया है| यहाँ पर प्रति वर्ष शारदीय और चैत्र नवरात में वृहद् मेले का आयोजन किया जाता है| नदी के संगम पर नाथल दाई का मदिर स्थित है| चंद्रहासिनी मंदिर के ठीक सामने विशाल जगन्नाथ मंदिर बना हुवा है जिसकी कारीगरी लाजवाब है| अधिक जाने...

छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल संपर्क सूत्र 

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छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल
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Chhattisgarh Ke Prachin Mandir ke Darshan          

5 comments:

  1. 👍बढ़िया सचित्र जानकारीपुर्ण प्रस्तुति..👌

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  2. बहुत सुन्दर और सटीक जानकारी
    इसी तरह कुछ प्रसिद्ध छोटे छोटे मंदिर जो एतिहासिक रूप से प्राचीन हो ऐसी जानकारी अपडेट करे
    जैसे बंजारी मंदिर खपरी-मढ़ी तिलदा नेवरा, महामाया मंदिर तिलदा नेवरा, चितावर देव अर्धनारीश्वर कामता-झिरिया सिमगा,

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  3. Cg se related har questions and answers send kijiye ga sir plz

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  4. आपने कम शब्दों में छत्तीसगढ़ के मंदिर के दर्शन करा दिया

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  5. Nice information in cg

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