छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में स्थित यह चित्रकूट जलप्रपात जिसे भारत का नियाग्रा जलप्रपात कहा जाता
chitrakoot falls chhattisgarh |
है| छत्तीसगढ़ के बेहद खूबसूरत जलप्रपात में इसकी गणना की जाती है। यह पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण स्थान है। यहाँ प्रतिवर्ष लाखो की संख्या में देश विदेश के पर्यटक पहुंचते है | यह जलप्रपात इंद्रावती नदी में बनती है | , मन को मोह लेने वाला यह प्राकृतिक झरना , बस्तर की घने जंगल व प्राकृतिक की गोद मे स्थित है।
Bastar Ka Jalprapat ,Chitrakoot Jalprapat
इसकी झरने की उचाई 90 फिट व नदी की लंबाई 264 किलोमीटर है| मौसम के अनुकूल इसकी चौड़ाई कम ज्यादा होती रहती है।
उद्गम स्थल :- ओडिशा के मुंगेर पर्वत धरमगढ़ ,तहशील कालाहांडी से निकलती है। व नेशनल हाइवे 30 को काटती हुई छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के भद्रकाली नामक स्थान पर गोदावरी नदी में संगम होती है| इसके किनारे जगदलपुर ,बारसूर ,भोपालपटनम नामक शहर स्थित है।
यह नदी महाराष्ट्र व छत्तीसगढ़ के बीच सीमा रेखा बनानी है, यह नदी बस्तर की जीवन रेखा कहलाती है। यह बस्तर दंतेवाड़ा व बीजापुर तीनो जिले में बहती है।
इसकी सहायक नदिया
उत्तर की ओर से
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दक्षिण की ओर से
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1 कोटरी
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1 तालपेरु
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2 निबरा
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2 चितवांगू
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3 गुडरा
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3 नंदिराज
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4 बोरडिंग, 5 नारंगी
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4 डंकनी , 5 संखनी
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इस जलप्रपात को देखने का उत्तम समय
इस झरने का आकर्षक नजारा मानसून के मौसम का समय उपयुक्त होता है जब नदी अपनी पूरी जोश व पूरे उफान के साथ गर्जना करते हुवे बहती है। व एक अनोखा अनुभव प्रदान करती है।इस झरने के समीप बस्तर जनजाति की अनेक कलाकृति बॉस व लकड़ी से बनायी गयी सजावटी समान अनेक मुर्तिया खिलौने बेहद कम दाम में स्थानीय निवासियों के द्वारा बेची जाती है।यादगार स्वरुप कुछ जरूर खरीदना चहिये जिससे उसकी आजीविका चलती रहे व उनको प्रोत्साहन भी मिलेगा रहेगा|
इस स्थान पर कैसे पहुचे :- जगदलपुर से महज 38 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह पर केवल सड़क मार्ग के द्वारा ही पहुचा जाता है|
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- चन्द्रादित्य मंदिर -बारसूर
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